Neelam Saran   (Neelam saran)
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Joined 20 July 2021


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18 APR AT 21:26

बहुत हुई मनमानी दिल अब तेरी एक ना चलेगी,
बहुत तड़पाया बहुत रुलाया अब तुझको मेरी कमी खलेगी
ये दिल तेरे बहकावे को कोई मोल ना मिलेगी,
अब तेरी नादानी को कोई ठोर ना मिलेगी..
सदियों कि बंदिशों को तोड़ पंछी गगन में जा
झूमेगी.....

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15 APR AT 12:18

मुसीबत के वक़्त कौन साथ देता है,
मुकर जाता है हर वह शख्स जो साथ होता है.
हटता हैं उस चेहरे से नक़ाब जो सबसे ख़ास होता है
अपने पराया का भेद मुसीबत पड़ने पर ही पता चलता है

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20 MAR AT 19:36

निगाहों से पूछो क्या खोया क्या पाया
हर बात समझ आ जायेगी....
छलका तो दर्द भरे होंगे, हँस दे तो कोई
कहानी होगी...
मायूस नज़र कुछ छुपाते होंगे कुछ कहने
से कतराते होंगे.....
दिल की बात निगाहों तक आकर अकेले में
शरमाते होंगे....
जुबां जो आजतक कह ना पाई निगाहों से
कह जाते होंगे.....

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8 MAR AT 12:16

निश्छल मन प्रवाह, हर युग की कहानी है वह,
सीता सी कोमल ह्रदय,लक्ष्मीबाई सी मर्दानी है।

थोड़े से प्रेम पर निछावर कर देती जिंदगानी है,
आत्म सम्मान पर आँच जो आए मिटा देती
हर एक निशानी है....

औरत जो कायनात है, एक खूबसूरत एहसास है,
उसके ह्रदय को सिर्फ प्रभु ही समझे, औरो को
समझ ना आनी है....
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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7 MAR AT 16:34

जब अतीत याद आता है, उस पल के बीते लम्हों में,
सीखने की जिज्ञासा अपनी पीठ थपथपाता है।

आज जिस मुकाम पर है उस बात की खुशी,
उस बीते पल की याद हौले से दस्तक दे जाता है।

दुःख -सुख से सराबोर जीवन का हर क्षण उन,
बातो को याद कर अपनी हिम्मत बढ़ाता है।

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26 FEB AT 15:52

भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच कुछ पल तो अपना होता,
हकीकत में बदलने के लिए एक प्यारा सा सपना होता।

ऊँची उड़ान ना सही कुछ अलग सा करने को होता ,
परेशानी के समंदर में भी दो बूंद सुकून का जल भी होता।

हालात और ख़्यालात परस्पर ना टकराते,
लोग एक दूसरे को सच्चाई के साथ अपनाते।

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26 FEB AT 12:32

समय के साथ परिवर्तन निश्चित है,
कुछ दिन मुश्किल होते है, लेकिन कौन कहता है
वो मजबूर होते है.....
समय और हालात उनके भीतर मजबूत इंसान
की छवि उकेर कर ही छोड़ती है....
कर्तव्य पथ पर हर हालतो से जूझते हुए भी
अपनी पहचान बना कर ही दम लेते है...

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25 FEB AT 21:59

कद्र और दर्द की क़ीमत वही समझ सकता है,
जो उस राह से गुजरा होगा।
पिंजरे में बंद पंछी को भावना भी सज़ा लग सकती है,
अब तक उसने उड़ने की कला खो दी होगी।
भावनाओ को समझो तो तिनका भी सहारा बन सकता है,भव सागर से पार उतरने के लिए।
देखो तो आज भी कई कश्तियां खाली पड़ी हैं,
लोग लड़ रहें है पर उस पार जा नहीं सकते ।

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26 JAN AT 10:00

वीर सिपाही के बलिदान कभी खाली नहीं जायेगे ,
उनके खुन के कतरे चीख चीख ये बात दोहरायेगे.
कल भी भारत हमारा था आज भी हमारा है,
स्वराज हमारा अधिकार था और आगे भी हमारा है।

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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23 JAN AT 7:14

नेतृत्व जिसके रग -रग में थी,
जिसने स्वाधीनता ठानी थी.
अजर अमर वो आज भी है
जिसकी लहू हिंदुस्तानी थी,
कर्तव्यपथ पर अग्रसर रहें,
औरो को भी जागृत किया।
देश ही क्या विदेश में भी
अपना लोहा मनवा दिया।
वो और नहीं नेताजी थे, जिसने
स्वतन्त्रता का मुलमंत्र समझाया था।
नेताजी जयंती पर उनको कोटि - कोटि
नमन 🙏🙏🙏🙏

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