मना रहा होता है छुट्टी जब पूरा परिवार
एक स्त्री डबल मेहनत की बदौलत
लेती है घर आंगन संवार
स्त्री के पास है जादुई पिटारा
जिस में प्यार है मनुहार है
स्त्री से ही तो रिश्ते की गहराई है
है स्त्री तो जिंदगी में
सुकून है सुखद छांव है
है स्त्री तो कोख है वंश है और गोद है
सबके लिए संतुष्टि का
निवाला भी तो स्त्री के पास है
अस्त-व्यस्त बिखरी
बेहाल-सी दुनिया का
स्त्री ही तो समाधान है
वक्त बेवक्त कितना कुछ करती है
ना ही काम के घंटे तय
ना कोई अवकाश
करती है अवैतनिक श्रम निस्वार्थ
औरत के श्रम का मूल्य नहीं
तो कम से कम श्रेय तो दीजिए
इस मल्टीटास्कर को मर्दों के
बनाए नियमों में कैद तो न कीजिए
करती क्या हो दिन भर
यह कह कर अपमानित तो ना कीजिए।-
उम्र के इस पड़ाव पर होता है यह अहसास
कि जागते हुए भी सोती रही सारी उम्र मैं
लगा दिए सपने दांव पर जिनके लिए
वो भी तो हो नहीं पाए मेरे दिल के करीब।-
जुबां पे लगे हैं खामोशी के ताले
और दिल जज्बातों का खजाना है
अंधेरी सुनसान रातों में
अक्सर ही होता है मेरा जाना
यादों के उस इंद्रजाल में
जहां एक तहखाना है।-
वक्त अब और न दिखाए फुर्सत की ऐसी घड़ियां
गैर तो ग़ैर ही है अपनों में भी बढ़ गयी है दूरियां
काश जल्द ही लौट आते सुकून के पल वो फिर से
डर और दहशत में जीने की ना रहती मजबूरियां
कर कुछ ऐसा चमत्कार तू ऐ मेरे परवरदिगार
आए ना फिर कभी संसार में ऐसी महामारियां
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तुम्हें भूल जाती तो अच्छा होता
दर्द को पचा पाती तो अच्छा होता
जीते जी बहुत याद आते हो तुम
खुद को मिटा पाती तो अच्छा होता-
कि नहीं तू मुझसे बेखबर है
तूझसे ही तो मेरी शाम है
और तूझसे ही मेरी सहर है
तूझे लग जाए मेरी उमर
हमपे आए ना कोई कहर
तूझे चाहूं मैं इस कदर
बाकी रहे ना कोई कसर-
बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह गयी मैं।
दिल में उठे सैलाब को बखूबी दबा गयी मैं।
आंखों ने बरसना चाहा तो उसे भी समझा गयी मैं।
तमाशा बनने से अच्छा खामोश ही रह गयी मैं।-
कौन कहता है जिन्दगी बड़ी हसीन है अपनी तो ये हाल है कि जीने की कोशिश में बार-बार मरती हूं और मरने की कोशिश में बाल-बाल बचती हूं। जीना चाहती हूं तो समस्याएं जीने नहीं देती, मरना चाहती हूं तो हालात मरने नहीं देतीं। जी क्या रही हूं भला जीने के नाम पर बस जीये जा रही हूं।
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इंसान की जिंदगी एक सुहानी सफर है यहां कल क्या होगा किसी को नहीं पता
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आंखें बहुत कुछ झेलती है
दिल पर लगी है चोट
ये भेद आंखें ही खोलती है
निशब्द होते हुए भी
बड़ी ही कलाकारी से
सब कुछ बोलती है।-