बात कुछ ऐसी हैं
अब रास्ते बदल गए है
किससे कुछ ऐसे हैं
अब पहले जैसे नहीं हैं....-
" यह दुनिया हैं जनाब ,
हर पल रिश्ते बनते बिगड़ते है ,
यहाँ एक रिश्ता टूट रहा है तो
कही नया रिश्ते जुड़ रहा है...-
हुए हम मसरूफ इस दुनिया मे..
पीछे रह गए ज़िन्दगी के फ़साने मे..
सांसे तो मौजूद थी हर राह पर...
जीने का मकसद भूल गए किसी मोड़ पर...
मौके मिले तो ज़िन्दगी मे बहुत...
पर गवा दिए ज़हीज़हक मे हमने..
चाहते थे जीना अपने तरिके से...
पर ज़माने की चिंता ने बदल दिया ढंग कुछ तरीके से...
Collab with Navneet Mishra-
दिल की बातें आसानी से जुबां पर लानी थोड़ी मुश्किल है,
वक़्त की बात है जो दिल मे था अब जुबां मे भी आना गवारा नहीं हमकों-
याद आता नहीं
सपना कोई अपना सा
शायद, अब आँखों में नींद बची नहीं
सोती हुई ज़िन्दगी का अपना पन सा
जागने के बाद बची नहीं
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कुछ कहानी लफ़्ज़ों से कहीं जाती है
कुछ बातें आँखें बयान कर देती है
पर असली क़िस्सा तो उसे समझने वाले का है
जो आँखों से समझ जाये वो दिल मे उतर जाता है
और जो जबान के शब्दों को ना समझें वक़्त के साथ चले जाते है....-
गुफ्तगू
आज कुछ गुफ्तुगू हो जाये
चिड़िओं की चेहचाहट से कुछ पहचान हो जाये
गायब थी वो कही पिछले कुछ दिन कहीं
गाडिओं की आवाज़ इसका कारण तो नहीं...
आज आई है कानों मे आवाज़ कोई मधुर,
चलों कुछ देर सुन लिया जाये
पहाड़ों की उन वादिओं से भी
आज फिर गुफ्तगू हो जाये...
दूर कहीं बादलों के पीछे
छुपे थे कहीं आप जनाब
आज कैसे नज़र आये हमें
ज़रा इसकी वजह फरमाए आप...
आसमान आज थोड़ा नीला है
इसकी वजह कहीं आप तो नहीं
वो काली चादर कहाँ गयी
इसकी वजह कहीं बीमारी तो नहीं...
जनाब थोड़ी हमारी तो सुनिए ना
हमसे थोड़ी गुफ़्तगू करिये ना...
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खो गया...
खो गया वो बचपन अपना
जहाँ कोई चिंता थी नहीं
बड़-बड़ करके समय अपना
कहाँ चले जाता पता नहीं
खो गया वो सपना अपना
परिया रहती वहाँ नहीं
ख्वाबों का जहान अपना
जीवन का अब हिस्सा नहीं
बातें थी यारों से अनगिनत
आज कुछ लफ्ज़ नहीं
खो दिए शब्द अपने
तहज़ीब के लिए कहीं
खो दिया वो बचपन कहीं
खो दिया हमने अपने आपको कहीं....
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1. How much we care them
2. Things irritate
3. Like them or not
4. Real good quality
5. Bad quality-