Nazma Malik  
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Joined 3 February 2024


Joined 3 February 2024
25 APR AT 23:58

ये शादी के कंगन, पायल ये गहने नहीं है
ये बेड़ियां है तुम्हे कैद करने की।।

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22 MAR AT 15:20

दर्द सबको है यहां,
कोई लिख रहा है,
कोई पढ़ रहा है।।

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23 FEB AT 21:38

सोचती हूं के हो जाऊ लोगो के मुताबिक,
हर रोज़ ये ज़माना मुझमें एक नया ऐब निकाल देता हैं।।

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23 FEB AT 21:35

क्यू डरे ज़िंदगी मे क्या होगा,
कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा।।

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5 FEB AT 23:45

कुछ देर लिपट कर रोई बहुत मै खुद से
के इस दिल ने पाने से ज़्यादा खोया बहुत है।।

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3 FEB AT 23:41

मै तन्हाई पसन्द नहीं हू लेकिन
बनावटी रिश्तों से मेरा दम घुटता है।।

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