खामोश सी रहती है मेरे अंदर की लौ आज कल
कब जलेगी और दिखेगी इन्तज़ार बस उसका है!!!
वो जल रही निरंतर, ये है भी मालूम मुझे
तप से रूह के पकने तक इंतजार बस उसका है!!!
कुछ नया नहीं है अब खोजना मुझको यहां
परत दर परत शांति हो, बस ख्वाब उसका है!!!
है आवरण इतने न पहचान आता है कोई
बिन आवरण कोई चेहरा दिखे अरमान उसका है!!!
अब मैं न 'मैं' रहा ना तुम 'तुम' रही ना रहा कोई दंभ
फिर हमारे दरमियाँ ये अरमान किसका है!!!-
प्रेम ख़ूबसूरत सा लगता है,
जब तुम्हारा साथ हर
मोड़ पर मिल जाता है।
तुमने सिखाया है मुझे
प्रेम में समर्पण,
निस्वार्थ प्रेम,
और इसी प्रेम को साक्षी मानकर
क्या बनोगी मेरी रुकमणी,
क्या दे पाओगी राधा जैसा साथ,
तो हां तैयार हूं में कृष्ण
रूपी प्रेम बनने के लिए।-
सुंदर हो तुम आफताब की तरह,
मेरा दिल ढूंढता है तुम्हे चांद की तरह
नहीं कर सकता तुम्हे बयान दो शब्दो में,
तुम तो खुद हो एक किताब की तरह।-
Wouldn't you embrace me with presence again
Wouldn't you encore me around your arms
to make me feel there's a heaven on earth too
Wouldn't you flatten me with you glittering
eyes for now and again
Wouldn't you walk along with me on those
sea shore with your hands in mine
Wouldn't you bite me the way
you chew the subway
Wouldn't you see my face shrinking in
fear to lose you when you say goodbye
Wouldn't you make me yours for
tomorrow and till eternity-
एक पल को उसकी तस्वीर क्या दिखा दी इन घटाओं को,
बीन बरसे वो भी कहां रह पाएं ॥-
गज़लें भी कत्ल करती है मालूम नही था,
मुझे जिससे इश्क़ हुआ, वो खुद चलता फिरता खंजर थी |-