में लिख दू दो लफ्ज़,
तुम मेरी ज़ुबान बन जाओ ।
मेरी जिंदगी की तुम तकदीर बन जाओ ।।
में मुस्कुरादू जरा सा,
तुम मेरी हसीं बन जाओ ।
मेरी जिंदगी की तुम तकदीर बन जाओ ।।
में सोचू एक लम्हा,
तुम वो हकीकत बन जाओ ।
बस, मेरी जिंदगी की तुम तकदीर बन जाओ ।।
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लिखा है तुझे अल्फाझों में...
मांगा है तुझे दुआओं में...
ढूंडा है तुझे बेगानों में...
पाया है तुझे अपनों में...
मिलते रहना ए हमसफ़र यूंही,
हर रात सपनों में....।।-
एक वक़्त था जब हम उनके चांद हुआ करते थें...
आज भी हम चांद हैं, बस दूरी बादलों ने कर दि है...
-✍🏻@Manish Patil-
ना जाने उसकी अदा दिल को क्यूँ भाती है...
समंदर सी उसकी आँखे मुझको युही डुबा ले जाती हैं
वो खुद ही अपने बालों से चेहरे के लिये घर बनाती हे...
ना जाने उसकी अदा दिल को क्यूँ भाती है...
दिल करता है मर जाऊ उसकी अदा पे, लेकीन साथ जीने की तमन्ना दिल मे जग जाती है...
कभी कभी लगता है जा के खुदा के पास, लिख लु तुझे अपने मुक्कदर मे लेकीन सब मिल जाये तो जुनून तुझे पाने का खतम ना हो जाये...
बस युही....
ना जाने उसकी अदा दिल को क्यूँ भाती हैं...
-✍🏻@Manish Patil-
क्या करू नाम और शोहरत पाकर, जो मेरी शोहरत थी
आज उसका शोहर कोई और है....!!
- ✍🏻@Manish Patil-
सावर या संकटातून देवा.....
प्राण मुठीत घेऊन जगताय सारे,
कंठ दाटून आला जनसामान्यांचा..
ना उच्च-नीच, गरीब, धनवान सर्व करताय प्रार्थना
या संकटातून सावरण्याची
सावर तुझ्या मुलांना या संकटातून देवा....
न आहे हाताला काम, पोटाला अन्न,
खायला भेटेल की नाही या भीतीने जगताय सर्व..
आनंद सर्वा विसरून, चैनीच्या सर्व वस्तू त्यागून
फक्त पोटाची चिंता करताय सर्व..
सावर तू तुझ्या मुलांना या संकटातून देवा..
यात्रा तुझ्या, उत्सव तुझे या संकटाच्या सावलीत सापडलेत..
अस्तित्वाची तुझ्या परीक्षा आहे देवा.....
सावर तू या संकटातून आम्हाला देवा....!!
- ✍🏻@Manish Patil-
चारोळी....!!
ओळख आपली क्षणांची...
चाहूल वेड्या मनाची...
मिळाली साथ मैत्रीची...
जी जपावी जीवापरी...!!-
जीं धडकता है तेरे आने से,
लगता है बहार आ गयी रूह मे...l
सुखा मौसम भी सुहाना हो जाता है,
तेरी एक झलक से...l
रूह भी तेरे इस दीदार को तरसे,
तेरी झलक से जो सुकून पाती है...l
दुआ हैं रब से....!!!
तू ना मिली अगर कभी, फिर भी..
तेरी एक झलक मिले हर मोड पे जिंदगी के.....!!
- ✍🏻 @Manish Patil-
" इक हिसाब अभी बाकी है ! "
थोडा सब्र कर ए जिंदगी... इक हिसाब अभी बाकी है...!
ख्वाब कई हैं अधूरे उन्हे पूरा करना बाकी है..!
कर्ज है जिंदगी इसका उधार चुकाना बाकी है....!
है जो सारे शिकवे उनका मलाल अभी भी बाकी है...!
दिल से दिल का मिलना अभी बाकी है...!
इंसानियत का रिश्ता दुनिया मे अभी बाकी है...!
हर किसिका तुझसे कुछ हिसाब बाकी है...!
तू रुक ए जिंदगी तुझे जीभर जीना अभी बाकी है....!
तुझे करीब से आजमाना अभी बाकी है...!-
ऐ खुदा, कभी मुझे भी उसके सपने मे लेके चलं..
देखू तो जरा, क्या समझकर रखा है उन्होंने मुझे उनके दिल में..!
- ✍🏻Manish Patil-