Wo chehra yaad hai
Wo aankhein yaad hai
Khoj-taa phirun tumhe
Jo main yun kho jaata hoon
Khyaalon mein tumhare
Wo chehra yaad hai
Mud-mud ke dekhna tumhara
Yun dekh kar muskurana
Jo main yun kho jaata hoon
Khyaalon mein tumhare
Wo chehra yaad hai..-
Just be Good at heart...that'll do.
मुक्त हो जायेंगे
अपने हालातों से कभी
लगा कर सीने से तुमको
हम रोयेंगे कभी
उस मकां को क्या देख पायेंगे
दोबारा घर की तरह सजते कभी-
आदतन घूमूं मैं बेपरवाह
जो मैं ख़ुद का ही निकला हत्यारा
कागज़ पे है नाम मेरा जो ये
ज़मीं भी मांगती उन गुनाहों में
उसका कुसूर क्या..
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तिनका तिनका जोड़कर
अपना महल बनाएंगे
सोचा जो है उसे पूरा किए बिना
इस दुनिया से नहीं जाएंगे
कड़वाहट के उस मकां का त्याग कर
प्रेम सद्भाव से इक बार फ़िर
इस दुनिया को सजाएंगे
मुस्कुराते हुए गाने गुनगुनाएंगे
हो जलते अगर कोई हम से
उन्हें हम फिर से जलाएंगे— % &-
प्यार जुदा कर देता है
भले इंसान को भी
तबाह कर देता है..
यादों के उन गलियारों से
जब आंसुओं का मेला
लगा करता है..
आदमी ज़िंदा होकर भी
मरने की बातें करता है..
ये कैसा इश्क़ किया जो
हमें हम ही से जुदा कर देता है..!— % &-
काश! कोशिश मैं इक दफा और कर लेता
रूह क़ैद है खामियों के पिंजरों में
वक्त हमारा रहा नहीं कभी साहब
गिने चुने दिन रह गए हैं और वही रातें..!
मैं अपनी शख्सियत तोह बना नहीं सका
ये जो समय शेष बचे हैं
उनमें भी, वही दिन हैं वही रातें..!
मुस्कुराते उन चेहरों को देखे कई बरस हो चले
देख मेरा चेहरा, शीशा भी टूट जाया करे
समेटे.. वही दिन हैं वही रातें..!
बंधनों से दूर रह यह आदत जो पड़ गईं
ख़ुद से ही बंध गया हूं अब मैं
कौन मेरा? वही दिन हैं वही रातें..!
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ज़िंदगी का गीत हम गाते रहेंगे
क्यूं मृत्यु के आने का इंतजार करेंगे..
फ़िक्र में गुज़ार दी आधी ज़िंदगी
अब ज़िंदा जो हैं दावतें चलेगी
ठहाके लगेंगे..
कुएं के मेढ़क कभी रहे हम
अब, समंदर की उफानों में
कई छलांग लगेंगे..
पूछना मत हम से अब किसी का पता
ज़िंदगी का गीत हम गाते रहेंगे..
ये धुन यूं गुनगुनाते रहेंगे..— % &-
दिल की बात क्यों नहीं सुनते तुम
मुसीबत में जो यूं पड़ जाते हैं हम..
गैर-सा बर्ताव क्यूं हो करते तुम
लगता, ख़ुद से भी नफ़रत करते हैं हम..
शाम यूं अकेले आसमां को तकते हो
कह भी दो अगर,
मजबूरन गले पड़ जाते हैं हम..!
चोट दिल को ज्यों लगती है
कराह भी नहीं सकते यूं मरते हैं
हम...,भी...— % &-
हर दर्द को अपना लिया
हमने नहीं कोई शिकवा किया
पोटली गमों की कोई रख गया
दरवाज़े पर दस्तक देकर
वापिस किसी को भी खाली हाथ
लौटने ना देते हम अपने मकां से
दान दे दी अपनी खुशियां..
हर दर्द को अपना लिया
ना, हमने नहीं कोई शिकवा किया..!— % &-
यह गणतंत्र हमारा है
ना मिटने वाली स्याही से
लिखा गया कोरे कागज़ पर
यह कानून हमारा है..!
ब्रिटिश हुक्मरामों पर यह कैसा तमाचा है
कलम से अंकुरित हुआ इन्कलाब
रगों में दौड़ते जोश की तरह समाया है
जिसका हिस्सा यह संविधान हमारा है..!
सफ़ेद धोती पहने जिनको तुमने
अर्धनग्न फ़कीर पुकारा है
उसी की लाठी से डर कर भागे
यह परिणाम तुम्हारा है..
यह गणतंत्र हमारा है..!
अपने देशवासियों का बदला
जिस उधम ने अपने मन में संजोया था
तुम्हारी ज़मीं पर उतरा वो जिसे
तुमने अपने मृत्यु से उसे चुकाया है..!
आज़ाद अमर हैं, बोस अमर हैं
भगत सिंह, सुखदेव, खुदीराम अमर हैं
जिन्होंने इस मिट्टी का बलिदान निभाया है
जिन रगों में इन्कलाब दौड़ती हो वो
"हिंदोस्तान" जिसे हमने अपने दिल में सजाया है...!
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