बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने फिर हुआ इश्क ! और हम लावारिस हो गए ।
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मैं तो सीधी राहों के मंजिल का मुसाफिर था उनका घर तो बस रास्ते में मेरे आया था।
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अपनी सूरत पर इतना मत इतरा-ए-पगली यह चार दिन की हस्ती है तेरी सूरत भी तभी तक मस्त है जब तक फेयर लवली सस्ती है
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कतरा-कतरा थी जिंदगी , कुछ यूं बिखर गई ।
हम समेटते रह गए , संग तन्हाई रह गई ।।-
हमारे लफ्जों में वो तासीर बख्शी है खुदा ने मैं खुशी भी लिखूं तो नमी अश्कों की दर्ज होती है ।।
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ना आप बदलो ना ही हम बदले हमारी तो वही कहानी रहे चाहे बदले कितने ही तारीखें और कैलेंडर पर थामे रखने वाली कील पुरानी रहे ।।
🎂🎂🌹🌹 शुभ नववर्ष 2021 🌹🌹🎂🎂-
एक विकल्प जैसा ही अपना बना रखा है मुझे,
कभी दिल बहलाने , तो कभी काम चलाने ,
को याद कर लेते हैं लोग ।-
वफादार और तुम ? ...ख्याल अच्छा है !
बेवफा और हम ? .... इल्ज़ाम भी अच्छा है !-
दोस्तों से तो अच्छे मेरे दुश्मन निकले जो हर बात पर कहते हैं तुझे छोड़ेंगे नहीं !
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