चाहत बता बता कर लोगों ने चाह बढ़ा दी है
जान लुटा लुटा कर हमने जान गवां दी है-
सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि प... read more
Society can be brought closer by reducing distances
but not by eliminating the feeling of being far away.-
पहली नज़र में हो गई थी मोहब्बत जिनसे
सारी जिंदगी अब वो ही प्यारी है
एक इज़हार तो जरूरी था दशकों से
पर वो पहली नज़र ही अब तक भारी है
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सुनो तो मैं पुकार लूं , मिलो तो मैं निहार लूं
चलो जो तुम संग संग मैं जिंदगी संवार लूं-
नाव मिल गया, पतवार मिल गया
मझधार में तेरा इंतजार मिल गया
लहरों से मिला, मिला किनारों से
व्यस्त सफर में इतवार मिल गया-
आदतों में कहीं वो ढल से गए हैं
बावरे इस मन को छल से गए हैं
नुमाइश इश्क़ की तो सीखी नहीं
पर इशारों पे उनके चल से गए हैं
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श्रृंगार तो है मगर हंसी नजर आती नहीं
तेरे चेहरे में अब वो खुशी नजर आती नहीं
आंखों में छुपा लिए सारे गम तुमने
आंसुओं में मगर उसकी झलक आती नहीं
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Save Birds...
Human wants to fly like birds, wants to be free like birds, but because of humans birds are dying.
Human beings neither care about their desires nor respect inspiration.-
In the journey of life not everyone or everything is for a reason that we have listed ,
some are just moving in parallel to balance something that may we don't know.
So keep moving and enjoy the journey.-
दौर था जब मोहब्बत में खुशी थी, सुकून था
आज हर तरफ दर्द फैला है इश्क के रास्तों पर
मां की ममता तो आज भी है पर
रिश्तों में प्यार सिमटता जा रहा
कभी प्यार मार्गदर्शन हुआ करता था
आज लोग प्यार में भटक रहे हैं
वक्त तो हमेशा से बदलता रहा है पर
वक्त के साथ रिश्तों में अधूरापन आज तेजी से बढ़ रहा है
एक अच्छे भविष्य की उम्मीद में
हमारा आज ढलता जा रहा है
जो बच गया है संभाल लो
आहिस्ता आहिस्ता ये आज भी ढल जायेगा
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