कोशिश बहुत करते है उनको भूलाने की,
कुछ सवाल है जो दिमाग से जाते नही,
कहे भी तो क्या,सामने वो आते है,तो जुबान पर वो आते नही...
रोता है दिल उनको याद करके बहुत,
रहते है सदा दिल-ओ-दिमाग में वो,
बस मेरे सामने वो आते नही!-
वो मौजूद है मेरे वजूद में अब भी,
ख़ामोश रह के भी,इनायतें फ़रमाता बहुत है,
मेरी हर कामयाबी का सबब है जो,
मेरी छोटी से छोटी परेशानी का हल वो है ।।-
रहम खा के खुदा ने भी पूछा,
बता क्या खता उसने तेरे साथ की?
कैसे गलत बता देते उसको,
बस बता दिया,कसूर मेरा ही था,
प्यार करने का गुनाह हो गया !!
साथ रहने की कोशिश तो बहुत करी...
पर उनको हम बाँध न सके !!-
कोई प्यार करता है,कोई बे-इन्तेहा करता है,
कोई हँसाता है,कोई हसंता है!
कोई शक करता है,कोई सहम जाता है,
कोई छोड़ जाता है,कोई वही रह जाता है !!-
जब हटाया नकाब उसने
हर शख्श नकाबपोश दिखा।
करवा के बैर खूदा से मेरा
वो नासमझ,समझदार निकला।
चाहा जिसे प्यार पढाना,
नासमझी दिखाने का उस्ताद निकला।
मिल गये चाहने वाले हजार उसको,
दर्द बताने का मूझे ना एतबार निकला।-
इक रात जगा दिया कुछ शोर ने,
सहमा सहमा सा उठ बैठा मै जब नींद से,
बाहर झाँका तो रात खामोश थी,
बंद आँख से मिला मुझे वो मेरे ज़हन मैं ।।-
फिर हम उड़ आये,
उस दुनिया के आगे,
जहाँ बातें भी बनी होती थी,
और जज़बात दिखावटी।।-