आज़मा ले आज़मा ले, रुठता नहीं,
फांसलों से होंसला ये टूटता नहीं,
ना है वो बेवफा और ना मैं हूँ बेवफा,
वो मेरी आदतों की तरहा छूटता नहीं।
(broken n pained)-
यादों की किताबें लोकडाउन में कैसे पढ़ रहे हो,
जुदाई के पल इस कर्फ़्यू मैं कैसे सह रहे हो?
जब सांसो की खुशबू में तरबतर हो रहे हो,
फिर भी इतनी गर्मी मैं अकेले जी रहे हो?❤️-
कत्थई आँखों वाली एक लड़की,
एक ही बात पर बिगड़ती है।
तुम मुझे क्यों नही मिले पेहले,
रोज ये कह कर मुझसे लड़ती है।-
शाश्वत आकर्षण, प्रेम अगन, धधकती ज्वाला, जिस्मों की तपीश, मोह का बंधन, सांसो की गरमी, मिलन की चाह, आत्माओ की आह, होली के रंग की बौछार, जिस्म हुआ तार-तार, पसीने की एक बूंद और पानी से सराबोर गले पर चिपके हुए घेसूओ की महक, मरोड़दार अंगों से टपकती गरम सिसकियां या दर्द से कराहती साँसों की खुशबू, मदहोशी की आगोश मे लिप्त तन-बदन और उत्तेजित होती नज़रों की मासूमियत, दर्द की ज्यादा चाह फिर कुछ देर और संमोहन की आह, आनंद से छलकते नैंन और कभी न खत्म हो ये रैन।
-धुलेटी की पेशी-
आँखें मिली, दिल जुड़े, सांसे बढ़ी और आरज़ू भी दिखा गया मुजे,
अब वो प्यार कैसे जता पाएगा, जब मुझे खोने का डर ही नहीं होगा उसे।-
बस पता अचानक से चलता है,
मौसम की बेरुखी से खिले हुए फूल मुरज़ाते है, बस पता अचानक से चलता है।
लहरो से कट कर साहिल खफा होते है, बस पता अचानक से चलता है।
टूटते है लापरवाही से बेहद प्यारे रिश्ते, बस पता अचानक से चलता है।
खुशी देना तेरा हर पल मंजूर था, तूने गम दिया तो वो भी सह गये, बस पता अचानक से चलता है।
हँसी में तेरी जान बसी है मेरी, फ़ीर भी तेरे रुलाने से कितने आंसू बह गये, बस पता अचानक से चलता है।
किसी और की हमदर्दी इतनी भी क्या रूबरू, वो पास थे कभी हम आज भी करीब है, बस पता अचानक से चलता है।
छोड़ने के लिए नही थामा तेरा दामन, अब सदियों का सफर साँसों की आखरी डोर तक होगा, बस पता अचानक से चलता है।-
हम जिन्हें पसंद करते है उन्ही से ज्यादा डरते है।
खोने का भी और ज्यादा पास आने का भी, डर
लड़ने का भी और अनगिनत मोहब्बत का भी, डर
संवरने का भी और बिखरने का भी, डर
मिलन का भी और बेवजह जुदाई का भी, डर
हम जिन्हें पसंद करते है उन्ही से ज्यादा डरते है।
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तुजे हँसना होगा
हर उस लम्हें के बाद जो तुजे तोड़ गया, जक्जोर गया
तुजे हँसना होगा
अकेले हर परेशानी से जूझ के, मुश्किलो को मरोड़ के
तुजे हँसना होगा
हर एक इम्तिहान के बाद, चाहे कुछ भी हो अंजाम
तुजे हँसना होगा
आने वाले वक़्त को देखने, उन सपनो को साकार करने
तुजे हँसना होगा
हर घड़ी हर पल हर वक़्त
तुजे हँसना होगा
मेरे आने से पहले, मेरे साथ भी और मेरे जाने के बाद भी
तुजे हँसना होगा-
हरदम हरपल हरघडी हरवक़्त
तुज संग गुजारा हैं, गुजारेंगे।
होंगे चंद लम्हें बेरुखी के, बेसबब
साथ दोगे तो वो भी मिलकर काटेंगे।
प्यार की फितरत है बड़बोलापन और बरबादी,
गर तुम्हें भी खो देंगे तो कैसे जी पाएँगे।
के गुज़ारिश हैं तुम्हें माफीनामा कूबूल फरमाओ,
कुछ लम्हों की गुस्ताखी में जन्मो का साथ गवाएँगे?-