सब नहीं होते झूठे, सभी की झूठी नहीं होती मुस्कान,
भले आ गई 21वीं सदी, फिर भी बहुत से हैं सच्चे इंसान।
सबको तोलना एक तराजू, एक बाट से,
कितना है सबके साथ न्याय,
न सोचो ऐसा प्रिय,
न हो जग के संग अन्याय।
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दिल टूटा नहीं, मेरे प्राणों की प्यारी,
ढूंढता है आज भी, तेरी तस्वीर न्यारी।
कभी जंगल, गांव, बगीचे, मेले, बाजारों में,
तलाशता हु तुझको हरदम, मेरे सपनो की फुलवारी।-
मन से हो मन का मिलन, विचारों से विचार का,
होता तभी आपस में, मिलन सकल संसार का।
किस बात का पश्चाताप, गलत निर्णय न लिया,
जो मिले प्यार से, दिल उसी का हो लिया।-
कितना सुंदर, कितना रहस्य लिय,
अधीश शब्द, गुणों की खान लिय।-
इतना दुःखी न हो, दिल कुछ मजबूत कर,
क्यों तड़प रहा रात भर,साहस और हिम्मत कर,
टूटने से कुछ न मिलेगा, थोड़ा दिल को सहूलियत कर।
दिल को रात भर तड़पा कर, कुछ न हासिल होगा,
रात भर दुःख और चिंता से, तू ही घायल होगा।-
थोड़ी सी नादानी, थोड़ी सी अनजानी,
जो जाए तो, खुद को गुनहगार न समझो,
कभी कभी ऐसा हो ही जाता है,
जिससे दिल धड़कता है, होकर बैचेन,
और खुद पर ही आक्षेप लगाता है।-
ऐसा धागा जो बहिन भाई को, खुशी दिलाए,
रक्षाबंधन का त्यौहार, दोनों में खुशी बरसाए।-
जो इंसान हालातों के अनुरूप ढाल ले खुद को,
कोई मुश्किल डिगा न सकती कभी उसको।
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