Naveen Saini   (NaveenSaini)
38 Followers · 13 Following

Joined 26 June 2017


Joined 26 June 2017
29 JUN 2017 AT 20:07

उन ढाई अक्षरों को,
प्रिय तुमने पढा था त्याग
और मैं पढ पाया प्यार
मैंने बस सीखी परिभाषा
पर तुमने जाना सब सार

-


15 MAR 2019 AT 21:12

मैं सच कहूँ तो मुमकिन है, कि दुत्कार दिया जाऊँ
लगाया जाऊँ मैं दाँव पर, और हार दिया जाऊँ

-


17 SEP 2018 AT 20:24

जो लब चूमते थे खफा हो गये
तोहमत लगायी दफा हो गये
आगाह करते थे तूफानों से जो
हवा घिर के आयी सफा हो गये
नज़रें मिलाकर मुहब्बत पढायी
पलक झपकायी बेवफा हो गये

-


8 SEP 2018 AT 19:00

चाहे तुम न आना कभी, मेरे लबों से प्यार सुनने
पर इक दफा चले आना
मेरी कहानी में अपना किरदार सुनने

-


7 SEP 2018 AT 9:14


मेरे खत को बिना चूमे, पन्नों के बीच रखकर
बोझा मेरे दिल पर दस गुना कर देना
हो मेरे क़त्ल की ख्वाहिश, तो अशआर सुनने आना
और मेरा शेर सुनके आधा, फिर अनसुना कर देना

-


6 SEP 2018 AT 22:38

मैंने माँगा था खूबसूरत ख़्वाबों का आसमाँ
पर लाकर छोड दिया गया हूँ
खलिश ओ सितम के अंबर में जैसे
अजाब की धरती पे गिरकर
चूरचूर हो जाऊँगा जल्द ही
तुम देखते रहोगे मुझको दफ्न होते
पर किससे कहोगे
कि तुमने ये सब ना चाहा था
और कैसे उठाओगे बोझ
तुम गुज़रे वक़्त का

-


12 JUN 2018 AT 19:16

Life! please stop making me upset and dejected anymore, I've already started running out of new quotes.

-


26 FEB 2018 AT 20:45

ये समझ लो कि समझा रहा हूँ, अपने दिल को मैं बात इतनी
कि कैसे मुस्काँ को सच समझ कर, आँसू मेरे तुम ना समझ पाए

-


15 FEB 2018 AT 9:53

हाल कुछ भी हो, मेरे हालात पूछते थे
मैं कुछ भी पूछूँ, वे बस यही बात पूछते थे
लडखडाते जानबूझ कर, और मेरा हाथ पूछते थे
भीड़ हो या तन्हाई, वो मेरा साथ पूछते थे
तरक्कियों के सिलसिलों ने, उनसे दूर कर दिया
जो मायूस होके अक्सर, मेरी नाकामयाबी की वजोहात पूछते थे

-


13 FEB 2018 AT 18:51

चांद बैठा है मायूस होकर, कुछ यूँ आसमाँ में इक तरफ
जैसे बिंदी माथे से छुडाकर, तूने लगा दी हो नहानघर की दीवार पर

-


Fetching Naveen Saini Quotes