आशु मेरे टूट गये
अब सिर्फ एक रुखसती का इनतेज़ारे हैं
उसके लिए कफ़न भी मखमल का तैयार है-
"सुनो"......🔥
वजह किसी ने दी ही नहीं मुझे
खुदको किसी से रूबरू कराने की
होश तब से संभाल लिए है मैने
जब किसी ने "सुनो" कहकर लूट लिया था मुझे।।-
अब मैं......।
अब ज़रा सा सख्त हु मै
हसता ज़रा बेवक्त हू मैं
वजह है ही नही अब भरोसे की तुम पर
अब खुद के साथ खुदी मैं मस्त हु मै।।
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एक शक्श....🖤
तुम्हे समझ सकें ऐसा एक शक्श।
खुदा ने बक्शा तो जरूर होगा।
अपनी नजरो से ही परख लेना।
उस हर शक्श को जो तुम्हे अपना कहे।
नजरो से परखने का खर्चा थोड़ी होगा।।-
मेरे लिए..🤍
नफरतों के इस दौर मैं
तुम शहद से मीठे रहना।
मैं संभाल लूंगा खुदको सबसे।
तुम बस मेरे लिए खुदको संभाले रहना।-
जिसके दमन मैं हम हर दर्द को छुपा कर।
अगले दिन मुसीबतों की आखों मैं आंखें डालकर।
जिंदगी की पाठशाला मैं फिर से बेशर्म होकर बैठ जाते है।-
सिर्फ पसंद आना काफी नही।।🔥
कभी कभी सिर्फ पसंद आना काफी नही
कई बार सादगी का एहसास होना जरूरी होता है
बेशक रंगीन धागे दिखने मैं बेहद आकर्षक लगे
मगर उनमें सफेद सूत जितनी मजबूती नही होती ।।-
खैर हमने जाने दिया फिर।।🔥
महोबत हमें यू ना रास आई कभी
जब जब हम हाथ थामने आगे बड़े थे
तब तब कोई पीछे से हमें पुकारता था
की भाई घर के बड़े हो जिमेदारियो से
बेहतर निभा पाओगे इसे।।-
एक वफ़ा ऐसी भी।
उनके इबादतखाने मैं आज भी सिर्फ़ हमारे चर्चे है
सुना है हमारी बेवफाई के किस्से आज भी बड़ी वफादारी से सुनाए जाते है वहा.....-
Waqt ke diye zaika Ka sawaad
itna kadak hai ke badle hue
Pakvaan bhi uska asar juba se
Nhi hata sakte......-