बनते हैं हीर रांझा भी सभी
अपनी कहानी में झूठा कौन ही
होता है?
नहीं है "मोल" सच्ची मोहब्बत का ही,
हवस जिस्म की मिटाने वाला भी
बिस्तर बदल बदल कर हर रोज
चैन से सोता हैl
और भरी पढ़ी दुनिया मगरमच्छ
के आंसुओं से भी,
है जो आशिक़ सच्चा टूट कर
वही सिर्फ खून के आंसू रोता है,-
हमारी प्रेम कहानी पर मैं एक
हसीन सी किताब लिख रहा हूं ,
एक दूसरे की मोहब्बत पर
अटुट सा विश्वाश लिख रहा हूं..🌹-
बिन तुम्हारे एक दिन मैं भी टूट
जाऊंगा।
लाख मनाने पर भी नहीं
मानूंगा।
कुछ इस कदर रूठ जाऊंगा।
संभाल लो वक्त रहते इस
रिश्ते की "डोर" को मेरे साथ
मिलकर तुम भी।
वरना तरसी जो आंखें तुम्हारी
भी मुझे देखने के लिए।
तोह मैं भी फिर कभी वापस लौटकर
नहीं आऊंगाl
... NAVEEN BIDHURI-
जायज़ है हमसे नाराजगी भी
तुम्हारी,
आज कल दिलो में कुछ तो
अनबन है हमारीl
हो आज भी फ़ासले चाहे हम
दोनों के दर्मिया कितने ही,
लेकिन इस दिल को धड़कने
के लिए जरूरी है आज भी
मोजुदगी तुम्हारीl-
आखिर कैसे अपनी मोहब्बत को
यूं ही भुला देता,
थे तुम मेरे भी कभी कैसे ना
यह जमाने के आगे कहता?
देखकर तुम्हें बिलकुल वैसा ही
कैसे मैं आज भी खामोश रहता,
है मोहब्बत आज भी तुम्हारे
लिए बेपनाह मेरे दिल में,
बिना तुम्हें बताए दिल यह मेरा
कैसे जाने देता?-
हसीन सा कुछ मौसम तन्हाइयों
से भरी एक लंबी रात है,
गरजते बादल हल्की सी कुछ
बरसात है।
इस दिल में बस याद है उनकी
और यह बेचैन सा मन ना जाने
कुछ अजीब से हालात है,
मन में बसी एक तस्वीर उनकी
मोहब्बत से भरे मेरे कुछ
खूबसूरत से जज्बात है।-
मेरी जिंदगी के सुनहरे किस्सों को संजोकर लिखी डायरी हो तुम..🌹
मेरे दिल के जज़्बातों से बनी एक खुबसुरती सी शायरी हो तुम..❤️-
आज इससे कल उससे कर के मोहब्बत
इश्क को भी खेल बना दिया,
है इश्क करना ही गलत
तेरे मतलब ने मेरे सच्ची मोहब्बत का भी अच्छा
सिला दिया।
था नशा भी कभी जिसको आंखों
में डूबने का तेरी,
छीन कर मासूमियत उसकी ही तेरे झूठे इश्क ने
एक मासूम को भी इस जमाने के आगे अच्छा खासा शराबी बना दिया।
-
**चाय सी हो तुम**
चाय सी हो तुम कभी होंठ तोह कभी दिल जलाती हो,
मिलो ना कभी तोह यादों मे तड़पाती हो
छूले होंठ जो एक बार तोह मेरे दिल में बस जाती हो ।
गिरे दूध मे जो पत्ती वैसे बदलते रंग दिखाती हो,
तोह कभी स्वभाव से कड़क बनकर मेरी रातों की नींद चुराती हो।
चाय सी हो तुम है क्या तुम्हारे बगैर ज़िन्दगी मे अहमियत बताती हो,
कभी बात बात पर रुठकर मुँह बनाती हो
तोह कभी मुस्कान से अपनी मिठाश बनकर दिन भर की थकान मिठाती हो।
बातों में तुम्हारी कभी आये अद्रक सा स्वाद तोह कभी मीठी सी चासनी बन जाती हो,
चाय सी हो तुम कभी होंठ तोह कभी दिल जलाती हो
छोडे से ना छूटे ऐसी वह लत लगती हो।-
साथ जो तेरा मेरा छूट जाएगा,
मेरा हर एक ख्वाब भी टूट
जाएगा।
की जो दगा मैने इश्क में वह रब
भी मुझसे रूठ जाएगा।
रहेगी हर एक कोशिश अब से
पाने की तुझे।
हुआ अगर जो इश्क मेरा
सच्चा,
तोह मेरा प्यार वापस फिर लौट
कर जरूर आएगा।-