बसाया जिन्हें इस दिल में जिंदगी
भर के लिए कभी,
उन्हें यह दिल सपनों में भी
कैसे खो सकता है?
इश्क सच्चा ही होगा हमारा भी
वरना झूठे इश्क में कोई किसी के
आंसुओं से कैसे हो सकता है?
और भुलाने की बात करते हैं वह
खुद को,
भला मांगा हो जिसे हर मंदिर
अपनी दुआ में उन्हें
अब चाह कर भी वह दिल
किसी और का कैसे हो सकता
है?-
नजरों का नजरों से नजराना
हुआ है,
आंखों ही आंखों में दिल को
चुराना हुआ है।
बंदे तो थे हम भी सख्त कभी,
लेकिन लगता है आज यह दिल
भी किसी के हुस्न का दीवाना हुआ है।-
फिर मोहब्बत से रूबरू होने
तुम्हारी गलियो मैं तोह आऊंगा ,
रूठे प्यार को अपनी मोहब्बत
फिर से याद दिलाऊंगाl
थाम कर हाथ तुम्हारा जिंदगी
भर के लिए,
भिखरती मोहब्बत के पन्नों को
समेट कर
तुम्हारे मेरे रिश्ते को इस बार
एक खूबसूरत सी कहानी तोह
बनाऊंगाl-
मुझे छोड़ने की आखिर क्या
वजह है यह,
ना मंजूर मुझे तेरी रजा है
यह।
हक तो दोनों ने ही एक दूसरे पर
जताया था।
फिर दिल लगाकर दिल तोड़ना
आखिर किस बात की सजा है
यह?-
ना जाने फिर कब उन्हीं गलियों में वापस जाऊंगा,
याद करने का तुम्हें भला अब कौन सा ही बहाना बनाऊंगाl
थी जिद कभी तुम्हें हमको हर हाल में पानी की,
अब तुम्हारा हमसे इस कदर दूर होना मैं इस दिल को कैसे समझाऊंगाl
भूल जाऊं या रखूं याद तुम्हें पल-पल बस अपने दिल को ही सताऊंगा,
बिखरी मोहब्बत के पन्नों को समेट कर कैसे तुमसे अपना इश्क जताऊँगाl
छोड़ने का फैसला हमें सही ही होगा तुम्हारा भी,
अब रोक कर मुश्किलें तुम्हारी और ना बढ़ाऊंगा।
चंद भर हसीन यादें तुम्हारी इस दिल में समेट कर खुशी-खुशी तुमसे दूर चला जाऊंगा।
कहानी में अपनी तुम्हारी सच्ची और अपनी मोहब्बत को झूठी बताऊंगा,
ख्वाबों में ही सही अब अपने खूबसूरत रिश्ते को में एक तरफा ही निभाऊंगा।-
मोहब्बत ने उनकी हम पर कुछ
इस कदर कब्जा कर लिया।
यह दिल बेशक हमारे पास है
लेकिन धड़कनों को उन्होंने अपने
नाम कर लिया।
पूछा जो लोगों ने है क्या खुदा
का नायाब तोहफा तुम्हारे पास?
तो हमने भी मुस्कुरा कर
तुम्हारा नाम आगे कर दिया।-
दिल तुम्हे खोना नहीं चाहता
मन तुम्हारा अब होना नहीं चाहता,
होके मजबूर हालात के सामने
इश्क में किसी के दोबारा अब
यह दिल रोना नहीं चाहताl-
होती नहीं थी कभी किसी बात की फिक्र
कितनी हसीन रात थी,
खुशियाँ हमारी एक दूजे साथ थीl
मुद्दते हो गयी अब तो देखे हुए भी तुम्हें,
लेकिन बस चुके हो दिल में कुछ इस क़दर तुम
लगता है जैसे कल ही की बात थीl-
नींद सी आंखों में कुछ और बेचैन
सा है मन मेरा,
यादों का सिलसिला है कुछ
नजाने क्यों इतना गहराl
देखा नहीं ख्वाबों मैं भी कोई
इस कदर हसीन चेहरा,
होश-वोश नहीं काबू मैं भी
कुछ तोह जादू चल गया इस
दिल पर तेराl-
है एक तरफ़ा प्यार मेरा तुम्हारे
लिए तोह अच्छा है ना,
तकलीफ़ मे है अगर यह दिल मेरा इश्क तुम्हारे लिए सच्चा है नाl
तुम्हारे लाख मना करने के
बावजूद भी चाह चुके तुम्हे खुद से ही ज्यादा,
क्या करे मानता नहीं यह दिल
बच्चा है नाl-