तुम रुठ जाओगे तो,
तुम्हे मनाएगा कौन ..
तुम्हारी नींदों में,
हसीन ख्वाब लाएगा कौन ..
तुम जब थोड़ा low feel करोगी तो,
तुम्हारे लबो पर हँसी लाएगा कौन ..
तुम्हारी बिखरी जुल्फे के पीछे छुपे इस चेहरे का,
हर दिन, हर पल दीदार करना चाहेगा कौन ..
तुम हसीन हो, सुंदर हो, मनमोहक हो तुम,
तुम्हे पूर्णिमा का चाँद बुलायेगा कौन ..
किया होगा तुम्हे कइयों ने इज़हार,
इज़हारे-ए-इश्क़ में तुम्हे इतनी माहोब्बत से बुलायेगा कौन ..
नVन
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