तेरा दूर जाना मुझे पल पल इस क़दर खा रहा है
के मेरा जिस्म अपनी जां गवा रहा है
तुम लॉट आओ तो मेरे लिए सांसे लेते आना
मेहसूस करना चाहते हो तो धड़कन लेते आना
सात फेरे अभी बाकी है समय रहते वापिस आ जाना-
ऐ ज़िंदगी,शिकवे इतने है कि
किताब लिख दूं
सब्र इतना है कि
एक लफ्ज़ भी ना कहूं
बवाल इतना है कि
लहरों से टकरा जायूं
शांत इतना कि पत्थर बन जायूं
बहती जिंदगी की नदी के साथ बह रही हूं
काश कोई आए मोड,टकरा के टूट जायूं-
नफरत तो अब हो गई तुम से
मगर भूलने से अब डरें भी हम
दुःख ये नहीं कि आज यादें जलाई तेरी
दुःख ये है कि उसकी आग भी सेकी
और मरे भी हम ....-
कुछ इस कदर कब्जा किया है
उसने, मेरे दिल के मकान पर
ना मकान खाली करता है
ना किराया भरता है-
अब क्यों लगती हैं मुझे ठोकरें मां
अब तो चप्पल भी सीधी पहन के चलती हूं-
ਛੋਟੀ ਜਹੀ ਗੱਲ ਤੇ ਅੱਖਾਂ ਭਰ ਆਇਆ
ਦਿਲਾ ਕਮਜ਼ੋਰ ਜਿਹਾ ਹੋ ਗਿਆ ਲਗਦਾ
ਨਾ ਹੱਸਦਾ ਏ ਨਾ ਬੋਲਦਾ ਏ
ਕਠੋਰ ਹੋ ਗਿਆ ਲਗਦਾ
ਸ਼ਾਇਦ ਦਰਦ ਸਹਿਣ ਦੀ ਆਦਤ ਪੈ ਗਈ
ਹੁਣ ਸ਼ਿਕਵਾ ਜਿਹਾ ਵੀ ਨੀ ਕਰਦਾ
ਮੰਨ ਭਰ ਜਿਹਾ ਤਾ ਆਉਂਦਾ ਏ
ਪਰ ਹੁਣ ਹੰਝੂ ਜਿਹਾ ਨੀ ਡੁੱਲਦਾ
ਤੂੰ ਉਹਦੀਆ ਗੱਲਾਂ ਚੇਤੇ ਰੱਖਦਾ
ਮੈਨੂੰ ਜਿਹਦਾ ਚੇਤਾ ਨੀ ਭੁੱਲਦਾ
-
समेट ना सके कोई तेरे सिवा,
मैंने खुद को ऐसे बिखेर लिया है तेरे बिना...-
किसी को छोड़ने से पहले
ये सोच लेना चाहिए
अब तक उसके साथ क्यों थे...-
तमाम रात नहाया था
शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए
जो उतरने वाले थे-
इतनी बेबसी, इतना इंतजार क्यों
जिससे होनी चाहिए नफ़रत उससे इतना प्यार क्यों-