दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 🤗🎇🙏
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ख्वाहिशों का दौर था
सब रेस में निकल पड़े
मिलती रही मंजिले
पूरे भी हुए सपने
मुड़ के देखा जो पीछे
तो कोई नही थे अपने ।।-
पुस्तकालय में असंख्य किताबे, किताबो में अपार ज्ञान है ।
किताबो में असंख्य पन्ने, पन्नों में शब्द हजार है ।
पन्नों को छूते है जो, करता उनको महान है ।
पन्ने जो कुछ है मैले, मैला नहीं वो ज्ञान है ।
फटे है कुछ जो पन्ने, पन्नों की कीमत समान है ।
पन्नों को खाते दीमक, उन पन्नों में भी जान है ।
चोरी हुई किताबे, चोरी हुआ न ज्ञान है ।
एक पुस्तक ही है जो सबको, करता रहता ज्ञानवान है ।।-
मगर पन्ना अभी भरा नही है
सोची है कहानी ख्वाबों में
जो अभी पूरा हुआ नहीं है ।
मिल जाता है सफर में सबकुछ
पर वक्त रहते कुछ भी मिला नही है ।
तमन्ना है खुद से बेहतरी का
मगर जिंदगी तुझसे कोई गिला नहीं है ।।-
हर दिन निकलते वक्त छोड़ आती है
दरवाजे से छिप के जब वो हाथ हिलाती है
चेहरे पे खुशी और विदाई का दुःख होता है
बिन बोले पूछ लेती है कब वापस आऊंगा
बस चले तो रोक ले वो सीढ़ियों पे मुझे
पर जिम्मेदारियां है निभानी होती है
देखता हू जी भर के मैं भी और चल देता हू
इसी उम्मीद में कि जल्द ही आऊंगा लौट के ।।-
खींच लाती है मोहब्बत इन पहाड़ों में
बिखेर देती है ये खुशबू दूर तलक
मस्त मदमस्त कर देती है तन बदन
मदहोशीया सी है इन फिजाओं में
एकांत पत्थर पर विपाशना सी शान्ति,
पेड़ की छाव में सुखद एहसास है ।
मस्त चिड़ियों की चहकती आवाज,
मंद मंद चल रही मतवाली हवाएं है।
मोहब्बत सी फैला रही हैं सब
इन फिजाओं में ।।-
खामोश सी जिन्दगी, तूफान लिए बैठा है
सभी को हार जाता है, ये मान लिए बैठा है
कोशिश तो हर वक्त करता है मगर
नाकाम हुए बैठा है
सारी उम्मीदें तुमसे ही मगर
हालात ऐसे कि नाउम्मीदी लिए बैठा है
खोने को कुछ नही है जिंदगी
सब कुछ पा के भी हार लिए बैठा है
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