सीरत को ना पूछता कोई
क्योकि अब सूरत पर मरता हर कोई-
बहुत बेहतीन शब्दों में लिखी है हमने अपनी लेख..
देख तेरी बेरुखी ने जगा कर रखा है
यह रात लंबी लग रही
थोड़ा महसूस कर के तो देख
तेरी यादों ने मेरी आंखों में सैलाब ला रखा है
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मेरी नादानियों को
बेवकूफियों में तब्दील ना करना
क्योंकि साझदरियो को
समझना हर किसी की बात नहीं-
bite salon Jada muskuraon tum
Jinti BHI khushiyan ho Zindagi Mai
Sab ko chupa lo tum.....
ek Achi si muskan se sab ko hasaao tum.....
Is sal fir Nai Zindagi Mili hai
Khuda se Umar bhar ki khushiyan mang lo tum....-
फूल नहीं डालिया बनना सीखो।
बिखरना नहीं रास्तों से निकलना सीखो।।-
हर मुश्किल पल में मैंने अपने आपको अकेला पाया है
ए खुदा क्या सोचकर तूने ऐसा जहां बनाया है
जहा ना कोई अपना ना कोई बेगाना है
फिर भी सभी से रिश्ता निभाना है
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क्या खूब रिश्ता है ज़िन्दगी और मौत का
जिदंगी झूट है
और मौत सच
फिर भी लोग लगे है झूट के साथ
और मौत के लिए कुछ नहीं....-
चल रही है सत्ता बेलगाम की
बन रही हैं मंदिर राम की
मंदिर बना कर क्या होगा
यहां तो बन रही सेना शैतान की
बे ओलाद है वो उनको नहीं
फिक्र किसी के ओलाद की
धर्मो की राजनीति करने वालो
मत तोड़ो हिम्मत इंसान की
देश की बेटियों को दबोचने वाले
क्यों बदुआ ले रहे हो नन्ही सी जान की
सता पर शासन करने वाले
थोड़ी तो शान बचालो हिंदुस्तान की
-Nagris siddique.....
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बद नहीं बेहतर बनना है
अब ठान ली है कुछ खास करना है
लोगों की मत सुनो उनका काम तो सिर्फ कहना है
समंदर को मत रोको उससे तो अपने धुन में बेहना है
पर्वत का काम हर वक्त डटे रहना है
चाहे कितनी भी मुश्किलें हो फिर भी खड़े रहना है
सूखे दरख़्त को भी सावन में हरे-भरे रहना है
दिक्कतें कितने भी हो हर समय खुश रहना है
परिस्थितियां कैसी भी हो संघर्ष करते रहना है
की गई गलतियों से हमेशा सीखते रहना है
जो पाना है अब करके दिखाना है
जागीर नहीं क्योंकि अब बादशाह बन के दिखाना है-