Nargis Khan❤   (Nargis khan)
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Allah is sufficient for me.
❤zindagi gulzar hai❤
Joined 5 August 2019


Allah is sufficient for me.
❤zindagi gulzar hai❤
Joined 5 August 2019
3 MAY 2023 AT 16:25

Mohabbat nahi thi vo
Bas Mera veham tha...❤️

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28 JAN 2023 AT 10:57

Kachi Umar mein pehla pyar karne vale log...
Kabhi dusri mohbbat nahi kiya karte..❤️

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24 SEP 2022 AT 20:31

मेरे हिस्से की बातें वो किसी और से करता है
तभी तो अक्सर मेरे सामने खामोश रहता है॥ ❤

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3 SEP 2022 AT 19:11

Tum jo aao......
Toh phir chupke se bahaar aa jayein❤

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15 MAR 2022 AT 11:26

🖤❤Mohabbat vo badnaseeb hai
Jinke karib unke mehboob ke yadein bhi nahi

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21 JAN 2022 AT 21:23

एक शख्स बहुत अच्छे से सच को झूठ बताता है _

है उसे भी महफ़िलो का शौक
पर अब तन्हा है ॥
तो खुद को मशरूफ बताता है॥
मैंने कहा न एक शख्स बहुत अच्छे से सच को झूठ बताता है॥
एक उजड़ा जगंल है उसके अंदर
फिर भी गुलाब को पसंदीदा फूल बताता है॥
मैंने कहा न एक शख्स बहुत अच्छे से सच को झूठ बताता है॥
वो खुद रोज मर मर कर जीता है
फिर भी जिदंगी को एक बहुत खूबसूरत तौहफा बताता है॥
मैंने कहा न एक शख्स बहुत अच्छे से सच को झूठ बताता है॥ ❤🖤



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11 JAN 2022 AT 12:37

अधुरा होके भी इश्क मेरा कामिल है॥
तू माने या न माने इश्क की किताब में मेरा नाम भी शामिल हैं॥

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10 JUN 2020 AT 9:39

समझों तो तुम्हारा एक सहारा हूँ मैं
न समझों तो एक अजनबी हूँ मैं
रोक न पाए जिसे कोई शख्स
वो आसमान से गिरती हुई एक बूंद हूँ मैं॥

हर शख्स को खुश रखने की आदत है मुझे
शायद इसलिए तकलीफ में जयादा मुसकुराती हूँ मैं॥
जो समझ न सके उनके लिए कुछ भी नहीं
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं॥

दुर से देखोगे तो खुश नजर पाओगे
पर सच तो ये है अब खुद से नाराज हूँ मैं॥
न कोई समझ पाया है न कोई समझ पायेगा
एक ऐसा गुमनाम राज हूँ मैं॥

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27 AUG 2021 AT 19:43

हमारे मुक्कदर में सिर्फ धूप लिखी थी॥
और हम अक्सर खुदा से
उस पेड़ की छांव का जिक्र करते रहे॥❤🖤🙈

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10 AUG 2021 AT 17:32

Zindagi khubsurat hai uski
Phir bhi maut ka dar nahi hai❤🖤

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