कोई रोक ना पाए ऐसा तूफ़ान है वो
समुद्र की लहरों सा उफ़ान है वो
ना दबेंगी गर्दीशें,दबाने से किसी के
युवा इस देश के दीवाने हैं इसी के
रोता चेहरा भी खिल उठे,देख कर जिसकी सूरत को
जा कर देख आज घर-घर में,लोग पूजते हैं इस मूरत को
ऐ विरोधी,तू आ, मग़र, ज़रा सोच समझ पड़ चक्कर में
ज़रा हम भी तो देखें,कौन है, जो पड़े "शेर"की टक्कर में
खुल कर उनको आगाज़ है,जिनको ख़ुद पर नाज है
दीवाने हम युवा,"सचिन के",उसी के सर पर ताज है
युवा देश की आन है वो,नवीन भारत की पहचान है वो
औऱ पायलट है नाम जिसका,सर्व जाति की शान है वो-
जय श्रीराम🚩
हिन्दी प्रेमी
Jaipur Rajasthan 🏖️Medical Student.पैसों का र... read more
कोई कुछ भी बोले तुम शान्त रहो
तेज धूप से समुद्र सूखा नहीं करते
अरे,जनाब क्यों परवाह करते हो
इस बेरहम जमाने की,ज़माने की सुनकर
ख़ुद से रूठा नहीं करते।।।-
ये जाति का भेद है कि जाता ही नहीं
मानवता से मानव का आज नाता ही नहीं
न जाने ये कुरीतियाँ कहाँ से आई है
आज इस समाज में कोढ़ सी समाई है
ऐ भारत मेरे बेशक़ तू मंगल तक जा पहुँचा
मग़र देख ज़रा इस धरती पर,एक जाति नाम की खाई है
जो जन्मा इस संसार में,वो नाम लिखाकर आया है
बाँट दिया ऐ मानव तूने,ये किस जात की काया है
अरे,कहाँ जाती है रईसी तेरी,जब मौत तुझको दिखती है
अस्पतालों के बंद दरवाजों में,जब ख़ून की बोतलें बिकती हैं
क्या देखा तूने जाकर उनको,किस जाति का ख़ून है
अरे छोड़ इस जाति का झन्झट,मानवता में ही सुकून है-
ऐ हवा ज़रा जोर से बह,मेरे तिरंगे के लहरने का सवाल है
झंड़े दुनिया भर में हैं लेकिन,मेरा तिरंगा तो सबसे बवाल है
यूँ ही नहीं तीन रंग हैं इसमें, हर एक रंग का क़माल है
भारत हूँ मैं गर्व से कहता,इस बात का मुझको मलाल है
तेरी शान की ख़ातिर तिरंगे,मिट जाएगा भारतवर्ष
आता जब भी आज़ादी उत्सव,भर जाता है मन में हर्ष
यूँ तो हर दिन रहता जज़्बा,मिटने को तेरी शान में
दुश्मन मेरे वो दुनिया वाले,जो दख़ल करे तेरी आन में
सौगंध मुझे तेरी मिट्टी की,जो आँख उठी तेरे दामन में
रहेगी ना वो आँख कभी,बहेगा ख़ून उस आँगन में
भारत मेरी जन्मभूमि है,कहता हूँ मैं शान से
रगों में जिसके ग़द्दारी भरी,जाएगा ईक दिन जान से-
बोझ तो कम्बक्त इन ख्वाइशों का है मेरे यार
ज़िन्दगी तो बस हल्की सी साँस की मोहताज़ है-
ये भारत देश है मेरा,यही मेरी शान है
कुर्बान हुए जो सरहद पर,शहीदों की पहचान है
मिट्टी मेरे वतन की जो,माथे से तुम लगाओगे
भारतवर्ष की आन में,मंत्रमुग्ध हो जाओगे
यूँ ही नहीं ये देश बना है,सभ्यता सारी समाई है
माने जो तुम आज भी,हिन्दू-मुस्लिम भाई है
टुकड़े करने पर तुले हैं जो,आज उनको आगाज़ है
एकता हमारी मरी नहीं,फ़िर किस पर तुमको नाज़ है
तिरंगा हमेंशा लहरेगा,ये क़सम खाई है हमने आज
अरे,नासमझ हो तुम क्या समझो,मेरे आर्यावर्त का राज
देखनी हो जो सहनशीलता,पन्ने इतिहास के खोल लो
हिन्दुस्तान है सर्वोपरि,चाहे जिस पलड़े में तोल लो
जवाब दिया हर एक वार का,पीछा हटना सीखा नहीं
समझ लो तुम प्यार से ही,भारत के आगे कोई टिका नहीं-
हम आज भी उनके लिए रोते हैं
मग़र आँसू पोंछने वाला अब रहा ही नहीं
अरे वो क्या जानें कि दर्द क्या होता है
हमारे जितना दर्द उन्होंने सहा ही नहीं-
वो कहते हैं कि हम उनसे बात क्यूँ नहीं करते
अब उन्हें कौन बताये हम उनपे कितने हैं मरते
उनके एक फ़ोन का हमें आज भी इंतजार है
कोई तो उनसे जाकर कहो यार,हमें आज भी उनसे प्यार है-
मेरा यार भी तू मेरा प्यार भी तू,मेरे जैसा दिलदार भी तू
तेरी जगह कोई आया है,ना तेरी जगह कोई आएगा
जहाँ भी तू अकेला होगा,तेरे भाई को ही पाएगा
दुनिया भर की दौलत चाहे,आ जाये बाजारों में
तेरे जैसा यार मुझे,मिलेगा नहीं हज़ारों में
भाई मेरे तू फ़िक्र न करना,भाई तेरा साथ खड़ा है
मुसीबतों को घेरा रोके,यार तेरा आगे अड़ा है
तेरी जान की परवाह मुझे,ख़ुद की जान से ज्यादा है
साथ तेरा छुटे ना कभी,बस ख़ुद से ही ये वादा है
लग जाये उम्र तुझे मेरी भी,यही दुआ बस करता हूँ
ख़ुद की जान से ज़्यादा भाई,मैं तेरी जान पर मरता हूँ-