मैंने कुछ इस लिए भी खुद को भुला रखा है, जिंदगी
चार दिन की नहीं इस लिए खुद को सता रखा है
चार दिन खुद को क्या परेशान रखना जनाब, मौत आएगी
चार दिन नहीं देखेगी बस इतना खुद को बता रखा है
आजादी में लुट गए हम आबाद रखता तो अच्छा था , में
प्यार के बदले प्यार चाहता हूँ इसलिए जिंदगी ने रुला रखा है।
ख्वाबों का खयाल और ख्यालों का ख़्वाब - ए - परेशाँ है
रोज वही ख़्वाब देखता हूँ जिंदगी ने अभी तक सुला रखा है-
मेरी आँखों में और तो क्या ही दिखता होगा
गम-ज़दा आंखों में ख़्वाब वही दिखता होगा
वस्ल ओ हिज्र में और तो क्या ही होता होगा
और टूट जाता हूंगा इस्से ज्यादा क्या होता होगा-
मुझे दुवारा जन्म चाहिए ही नही था "सोगरवाल"
एक शख़्स मुझे इस क़ाबिल बना दिया।।
~ सोगरवाल
🍇🍇💔💔🥺🥺-
अब हम सुकूंन नही
अब हमें ठहराव नहीं
मुसाफ़िर को आशियाना नही
मुझ एकांकी को काफिला नही
अब मेरा कोई सिलसिला नही
तन्हाई को महफ़िल नही
बात कर सकें
जज्बातों को समझ सके
ऐसा कोई हमराही नही
गम-जदा को रहनुमा नही
हम खुशनुमा नही
ताबीर को तकदीर नही
हमारी अब कोई तहरीर नही
जैसे पहेलियों मो तदबीर नही
~सोगरवाल💔🍓🍇-
कंधों से आसमान दिखाने वाला नही
समझदारी ने हमारा बचपन छीन लिया
नादानी करें तो डाँटने वाले भी नही
ये दिल उनके प्यार को तरसता है।।
जो नभ से अक़्सर बराबरी करता है।।
Happy Father's day
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अब क्या ख़्वाब क्या ख़्वाहिश रखें।
पिंजरे में बैठे पँछी क्या आसमान की उड़ाने माँगें,
जिसके वजूद से हमारा वजूद था
ख्वाहिशों में किसकी ख्वाहिशें मांगें
सब कुछ लुटा दिया उसकी नुमाइश में
इश्क़-ए-हिज्र में किससे सुकूँ को मांगें।
उसका हर लम्हा आसूँ बाँटता है मुझे
चेहरे पर मुस्कान की दुआ किससे मांगें
जिंदगी दर्द ए दिल पर सितादा है अब
दिल वो निर्दय है कि रोने की बहाने मांगें
अब क्या सुकूँन की जुस्तजू उससे रखें
बा-चश्म-ए-तर उसके सारे लम्हें मांगें।-
मेरा मेमार नही मिलता
मेरा वो यार नही मिलता
तेरा इंतजार नही मिलता
ये मौसम अपनी रुत बदल
कर फिर से लौट आते हैं।
तेरा इशारा भी नही मिलता।
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बांटते थे गैर-परस्तों का दर्द
लिखते थे गैर-परस्तों का दर्द
आज खुद के अल्फ़ाज़
मेरे दर्द को बयाँ नही करते।
ढूंढ रहे थे जहाँ मिलता था सुकूँ
अब इतना कठोर हो गये वो
मेरे मर्ज की दवा नही बनते।।-
माफ नही करूँगा
ताह जिंदगी मुझे
खुद की वफा से दूर कर दिया।।
😭🍇🍓-
अब फुर्सत नही उन्हें
😭🍇🍇🍇🍇
अब लिखा ही नही जाता
सोच यादकर बस रोना आता है।
किसे सुनाऊ अपने दिल की हालत
जहां सुकूँन मिलता है उन्हें फुर्सत नही।-