Naresh Sharma   (Naresh Sumati)
429 Followers · 141 Following

Joined 22 December 2019


Joined 22 December 2019
19 HOURS AGO

खोया बहुत है रोया नही है जगता है जैसाण सोया नही है
पल-पल का माँगेगा उनसे हिसाब अब
क्या हमने बोलो खोया नही है
सुख का नही कोई देख़ा है सपना
जलती धरा को दिया श्वेद अपना
मेहनत से सींचा है इस धरा को माना है माँ रूप वसुंधरा को
चलकर अगन पर है गुलशन खिलाया
आदर दिया सबको जब जो भी आया
दुश्मन ने जब भी सिर है उठाया पैरों तले उसको हमने दबाया
पर कौन इंसाफ़ करने है आया
अब हमने ख़ुद ही है बीड़ा उठाया
खोया बहुत है रोया नही है जगता है जैसाण सोया नही है.!!

-


21 HOURS AGO

आ गई भोर चहूँ ओर उजियारा हो गया
बीत गई रैन ख़ुले नैन अँधियारा खो गया.!!

-


3 MAY AT 23:57

अंदर की रौशनी..अंदर से आएगी
बाहर की बातें सभी..बाहर रह जाएगी
सीखने की कोशिश मे..बीत उमर जाएगी
आग लगी दिल मे वही..रौशन कर पाएगी
अंदर की रौशनी...अंदर से आएगी.!!

-


3 MAY AT 23:41

सच क्या सच मे
बाहर से मिलता है
या कहीं स्वयं के
भीतर से ख़िलता है
अँधेरा चीरकर जैसे
सूरज निकलता है
ऐसे ही सत्य का
दीप कोई जलता है
सच क्या सच मे
बाहर से मिलता है???

-


2 MAY AT 7:40

उड़ने को जब भी
पँख फैलाए
बँधे हुए पाए
अपने ही पर थे
अपने ही बन्धन
दूसरा कोई किसे
बाँध यहाँ पाए
जाल जिनसे घिर गया हूँ
देख़ो ना ये कभी मैने ही बिछाए..!!!

-


2 MAY AT 0:46

हैराँ हूँ तुम्हें देख़कर...तुम कौन हो क्या हो
हर मर्ज़ की हर दर्द की..तुम जैसे दवा हो.!!
❤️❤️"ज़ियाना"❤️❤️

-


2 MAY AT 0:30

रात हसरत लिए
रोज़ चली आती है
ख़्वाब लाकर मेरे
आँगन मे रख़के जाती है
पूरे होंगे सभी सपने तेरे
कानों मे कहके चली जाती है
सारे दिन की थकन सीने की जलन
साथ मे अपने वो ले जाती है
आँख खुलने से पहले प्यार से
रोज़ आकर मुझे सहलाती है
रात हसरत लिए
रोज़ चली आती है..!!!

-


1 MAY AT 20:55

दे गई धोख़ा मुझे वो मद भरी आँखें तेरी
तेरी हाँ को और ना को मैं समझ पाया नही
देर तक बैठा रहा मैं राह के उस मोड़ पर
याद मुझको मेरे ही घर का पता आया नही
मुद्दतों से देख़कर उनको मैं जतलाता रहा
आज़ वो कहने लगे कि तुमने बतलाया नही
रोज़ कुछ सपने सजाए राह मे बैठे रहे
सच जो हो जाता कभी भी ख़्वाब वो आया नही
एक तुझपर ना रुके भटके बहुत हम रात दिन
पर कहीं तुमसा नज़र कोई दूसरा आया नही
जिंदगी चलती रही मिलते रहे खुशियाँ ओ ग़म
जो भुला देता तुझे वो एक पल आया नहीं
दे गई धोख़ा मुझे वो........!!!

-


30 APR AT 11:39

जहां से चले थे
वहीं आ गए
सितमगर ये तेरे
सितम भा गए हैं
उजाले ये चुभते हैं
सीने मे मेरे
अँधेरों के झुरमुट
मुझे भा गए हैं
जहाँ से चले थे
वहीं आ गए हैं.!!

-


29 APR AT 23:22

सेहरा तेरे मौजें तेरी
कैसी जल्दी कैसी देरी
बैठ गए आ दर पर तेरे
पूरी हो जो मर्जी तेरी
तू ही साग़र तू ही किनारा
तू ही खिवैया..किश्ती मेरी
तुझमे डूबूं तो तर जाऊँ
तेरे बिना क्या हस्ती मेरी
सेहरा तेरे मौजें तेरी..!!!

-


Fetching Naresh Sharma Quotes