हर कोई गम में मुस्कुराए ये जरूरी हैं क्या
हर जीत का जश्न मनाए ये जरूरी हैं क्या
कुछ पल खुशी के यूंही जी लिया करो
हर खुशी की वाजिब वजह बताए ये जरूरी हैं क्या
-
हर शख्स
पूछने पर तो अपना हाल ठीक ही बताता हैं
असलियत क्या हैं
ये तो वो बिस्तर ही बता सकता हैं
जहां वो सोता हैं ।-
कहानियां तो सब एक जैसी ही हैं
बस क़िरदार और मुकाम बदल जाते हैं
और वो किरदार वा मुकाम ही कुछ
कहानियों को अमर कर जाते हैं-
मुरझा दी जाती हैं हजारों कलियां
अब फूल बनने से पहले ही
बगिया की देखभाल करने वाले अब
रईस जो हो गए हैं
-
इस मक़ाम तक कैसे पहुंचे
कौन पूछता हैं,
सभी को तो फिक्र हैं
अभी तक कितना कमाया।-
आसान नहीं यहां अपनों के सपनों को पूरा करना
ताउम्र एक तपस्वी का जीवन जीना पड़ता हैं ।
-
होली के रंग हो या इश्क की खुमारी
दोनो ही आसानी से नहीं छूटते हैं।-
सोचता हूं
उन अनकहे लफ़्ज़ों का क्या मकाम होता होगा
जो अक्सर लोगो के लबों पर आते आते रुक जाते हैं-
हजारों चेहरों के साथ रहकर दिन गुजरने पर वो बिलकुल अकेला रह जाता हैं
अक्सर ये अकेलापन उसको खुद ही डरा देता हैं,
इतना आसान नहीं हैं साहब इस संसार में रोजी रोटी कमाना
कोई कोई यहां सुख चैन लुटाकर सुकून की तलाश में भटकता हैं।-
अखबारों के पन्ने व लोगो के दिल नफरतों से भरे पड़े हैं,
लगता है लोगो ने प्यार सिर्फ व्यक्तिगत संदेशों तक सीमित कर रखा है।-