हर कोई गम में मुस्कुराए ये जरूरी हैं क्या हर जीत का जश्न मनाए ये जरूरी हैं क्या कुछ पल खुशी के यूंही जी लिया करो हर खुशी की वाजिब वजह बताए ये जरूरी हैं क्या
हजारों चेहरों के साथ रहकर दिन गुजरने पर वो बिलकुल अकेला रह जाता हैं अक्सर ये अकेलापन उसको खुद ही डरा देता हैं, इतना आसान नहीं हैं साहब इस संसार में रोजी रोटी कमाना कोई कोई यहां सुख चैन लुटाकर सुकून की तलाश में भटकता हैं।