सभी दिनों को निकाल कर
वो तेरा जाना याद आता है
किस्से कहानियां सुनी सुनाई थी
वो एक छोटा फ़साना याद आता है
मेरी उंगली से लग कर तेरी उंगली ने जो
मुझे वो तेरा राह दिखाना याद आता है
भर कर तेरे आंसू अपनी आंखों में मैं
लग के सीने से तेरा मुस्कुराना याद आता है
और तेरे रूख़सार पे जो ग़ेसू लिपट रहे
होंठो से अपने वो हटाना याद आता है
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