लिखा तों मैनें तुम्हें पुरा था
न जानें चाहत में कहा मेरे कमीं रह गईं
ज़िन्दगी अब तु हीं बता
हमारी कहानी क्यों अधुरी रह गईं
शुरूआत तों साथ हीं कीं थीं
मंज़िल भीं तों एक हीं थीं
न जानें कब हमारी राह बदल गईं
ज़िन्दगी अब तु हीं बता
हमारी कहानी क्यों अधुरी रह गईं
दुआओं कें अल्फाज़ में मेरे
न जानें किस हर्फ़ कीं कमीं रह गईं
ज़िन्दगी अब तु हीं बता
हमारी कहानीं क्यों अधुरी रह गईं
कहानी तों हमारीं एक हीं होनीं थीं
न जानें कब तेंरी औंर मेरीं हों गईं
ज़िन्दगी अब तु हीं बता
हमारीं कहानीं क्यों अधुरी रह गईं ।
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