कुछ हादसों के
गवाह नहीं होते।
-: निशा राज़दान-
NARAYANI
(NARAYANI)
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Joined 17 December 2020
20 JUN 2023 AT 23:45
ज़िन्दगी को कहना है,
आज फिर तुझ संग,
खुद को यूं जीना है।
-: निशा राज़दान-
16 SEP 2022 AT 12:19
पलकें झपकते ही गुम हो जाते हों,
ना जाने तुम कहां चले जाते हों।
-: निशा राज़दान
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30 AUG 2022 AT 23:52
बीते वक्त की तरह,
तुम एक याद बन गए हो,
कैसे कहे तुम्हें कि..
तुम एक फरियाद बन गए हो।
-: निशा राज़दान-
17 AUG 2022 AT 21:50
तु खुबसूरत इतनी, कैसे रहूं खफा मैं तुझसे
तु कहे तो तुझे पन्नों पर उतार दूं
इस जहां से छुपा के।
-: निशा राज़दान-
31 JUL 2022 AT 13:06
ओ मेरे सांवरे
मन के भाव कैसे समझाऊं तुम्हें
तुम पालनकर्ता
कभी तो समझ जाओ मुझे।
-: निशा राज़दान-