Narayan Mewara   (नवरसिक)
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Joined 28 May 2020


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Joined 28 May 2020
24 MAR 2023 AT 9:42

किसी को देख कर....
नहीं समझा जा सकता
अगर ये सुकून पाना हैं आपको !!
स्वयं को करो अकेले.....
फिर पाओ अंदरुणी सुकून...!!

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23 APR 2022 AT 8:29

तुम्हारे निशान
लोग अक्सर अपने जीवन में
पीछे मुड़ कर देखते हैं...
तो क्या नज़र आता हैं उन्हें
अपनी गलतियों के निशान देखतें हैं...
पर असल में लोग भूल जाते हैं
उन्हें क्या देखना चाहिए
जैसे अधूरे सपने कुछ अरमान,
बजाय पछतावे के लगे जो करने
अपने अधूरे सपनें तो हो जाएंगे महान...
समुद्र में पानी की लहरे सब साफ कर देती है,
ज़िन्दगी में भी पीछे छूटे निशान ला सकते हैं उफान।

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22 APR 2022 AT 8:39

मुझे याद हैं वो पल आज भी
जब तुमने पहली बार चाय बनाई
उस चाय में शक्कर की नमक डालना
हमनें वो चाय पी तो दोनों का मुस्कराना
क्या खूबसूरत था वो मस्ताना
जब भी अपना झगड़ा होता हैं
पता हैं नमक वाली चाय बना देना
पता नहीं क्यों उस चाय से पूरा झगड़ा गायब
बड़ी ही यादें हैं ना तुम,मैं और चाय....

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21 APR 2022 AT 8:10

मुझे नहीं पता था कि तुम....
ये हाथ जो थामा !!
जीवन के आखिर पड़ाव तक ,
साथ निभाओंगे......
आज के स्वार्थी जमाने में ,
मशीनें तक थक जाती हैं !!
तो भी एक तुम हो जो.....
एक दफा हाथ क्या थाम लिया मैंने ,
आजीवन साथ निभा रहें हों....!!

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21 APR 2022 AT 7:59

सब कुछ जानकर कर भी
यूं अनजान हों जाओगें ,

मुझे नहीं पता था कि तुम,
मुझसे मेरा हक़ कुछ...
इस क़दर से छीन लोगे !!

मुझे नहीं पता था कि तुम
ज़रा भी नहीं समझोगे ,
मेरी परेशानियों को ,
तूफ़ान की लहरों की तरह बढ़ावा दोगे !!

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20 APR 2022 AT 8:29

दिन को रात और रातों को दिन में
तेरे दिल के लिए जगह बना रहा हूं
मन ही मन तुझे अपना मानने लगा !

कब से मेरे दिल में
तुझको मेरी हर खुशी में
अपना बनाने की दुआ करने लगा हैं !
बातों में तेरे सिवा ना कोई और आता हैं!!

कब से मेरे दिल में
तुम्हारे आने के बाद मेरी जिंदगी का
यें बड़ा खूबसूरत दौर शुरू हो गया हैं!!

कब से मेरे दिल में
तुम्हारी बातों को सुनने का
ये मेरे कान तरसते रहते हैं !!

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19 APR 2022 AT 8:44

नि:स्वार्थ से परोपकार
की भावना स्वत:
जाग्रत हो जाती हैं !!

खुशी तब भी होती हैं
जो हमारा सबसे प्रिय हो
वो अपने जीवन के पड़ाव में
हर क्षेत्र में तरक्की करता दिखें !!

ख़ुशी तब भी होती हैं..
जब अपने गुरुओं और बड़ों
द्वारा दी गई सीख को अपने
वास्तविक जीवन में प्रयोग में की जाती हैं !!

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18 APR 2022 AT 8:28

तो लोगों का लालच चरम पर होता !!
जबकि पेड़ हवा,छाव,फल सब देता...
फिर भी इन्सान लगा हैं इसको मिटाने में !!

अगर पैसों का पेड़ होता...
आज पर्यावरण यूं प्रदूषित न होता !!
तो लोग हर घर में अपना पेड़ लगातें...
शुद्ध प्राणवायु और तरो ताज़ा फल मिलते !!

अगर पैसों का पेड़ होता...
चारों तरफ जो वाहन नज़र आ रहें हैं ना !!
वहां हर जगह पेड़ नज़र आते....
"नवरसिक" भूल गया पेड़ों से ही पैसा बनता !!

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17 APR 2022 AT 17:51

अब झिझक कैसी अपने दिल का हाल सुनाने में
जहां बेइंतहा प्यार हुआ करता था तेरी मोहब्बत में
और मैं आज झिझक रखु ?
कहीं बदनाम ना हो जाएं तू इस ज़माने में

फिर भी अब भी कहीं एक झिझक हैं ना जाने कैसी ?
जब तुम इतना आज़माया करती थी मेरी मोहब्बत को
क्या तुम्हें हासिल हुई ?
तुम्हारी सच्ची मोहब्ब्त इसी जीवन के काल में....

याद हैं वो पल मुझें जब फसाया तुमने झुठें वादों में
काश ! थोड़ा रुक जाता तो कवि न होता आज मैं
क्या सही सोचता हूं मैं कभी-कभी ?
बड़ा योगदान हैं ना तुम्हारा नारायण से नवरसिक बनाने में !!

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16 APR 2022 AT 9:37

A learning cycle is a concept of how people learn from experience. The Learning Cycle is divided into three major phases known as Exploration, Invention, and Application.
We all have to follow the process to achieve our goals.

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