Nandini Singh  
9 Followers · 34 Following

Joined 7 June 2022


Joined 7 June 2022
17 SEP 2022 AT 22:52

कुर्सी पे बैठे हो तो बैठे रहो
यूँ नंगे पांव आँगन में विचरण न करो
ये एड़ियों की दरारें नाज़ुक है अभी
थोड़ा वक्त दो रेगिस्तान की सवारी बाकी है अभी...

-


14 JUN 2022 AT 19:52

सुनायी आज भी देती हैं आवाज़े
मन मे आज भी है कही
पर सिखाया तो उसी सख्स ने है
कैसे न वफ़ा से खता करे...!

-


7 JUN 2022 AT 20:35

तुम्हे याद रखना
मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल थी।

-


7 JUN 2022 AT 19:58

इस मायावी दुनिया मे अपना कौन है
और खुद को अपना कहने वाला कौन....

-


7 JUN 2022 AT 13:31

वक़्त बेवक़्त आती यादों से
सूने पड़े गलियारों से
अब सब जुदा है
उन्हें अलविदा है!

-


Seems Nandini Singh has not written any more Quotes.

Explore More Writers