कुर्सी पे बैठे हो तो बैठे रहो
यूँ नंगे पांव आँगन में विचरण न करो
ये एड़ियों की दरारें नाज़ुक है अभी
थोड़ा वक्त दो रेगिस्तान की सवारी बाकी है अभी...-
Nandini Singh
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Joined 7 June 2022
17 SEP 2022 AT 22:52
14 JUN 2022 AT 19:52
सुनायी आज भी देती हैं आवाज़े
मन मे आज भी है कही
पर सिखाया तो उसी सख्स ने है
कैसे न वफ़ा से खता करे...!-
7 JUN 2022 AT 13:31
वक़्त बेवक़्त आती यादों से
सूने पड़े गलियारों से
अब सब जुदा है
उन्हें अलविदा है!-