आज भी शायद उतनी ही कमजोर हूँ...
पर इन ख्वाबों को पूरा करने में ज्यादा मशगूल हूँ...
कुछ मिला कुछ का अभी पाना बाकी है...
सच कहूँ तो अभी पूरा जीना बाकी है...-
जी करता है वो सारे सपनें पूरा कर लूँ...
शुरूआत करने पर लगा पहले राह की मुश्किलें तो कम कर लूँ...-
If you are not a hardworker,Be same only for your child...because they shouldn't face that things which you are facing in present for your dream...
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अपने सपनों की डोर हमेशा अपनी हाथों में रखो...
क्योंकि दूसरों के हाथों की डोर सपनें और दिल दोनों तोड़ जाते हैं.......-
'वक़्त' वो तराजू है
जो जरूरत के वक़्त में अपनों का वजन बता देता है |-
दुनिया का दस्तूर है जो अजीब है वही तहज़ीब है..
क्या सच में तहज़ीब ही जिंदगी की पहचान है?????
कभी देखा नहीं तहजीब की एक हँसी भरी झलक
फिर क्यों सबको है इसे देखते रहने की ललक
माँ के प्यार में तो तहज़ीब नहीं देखी किसी ने कभी
फिर बाकी रिश्ते में क्यों ढूँढतें रहते हैं इसे सभी
ये तो इंसान है या उसके सोच का बचकानापन
जिसने दिल से ज्यादा जुबान को अहमियत दी है
निगाहों में सम्मान हो ना हो घूंघट को अहमियत दी है
सोंच से ज्यादा पहने उस पोशाक को अहमियत दी है
बदलते दौर में भी अपनी बनाई सोच को अहमियत दी है
ये सच है... जो अजीब है वही तहज़ीब है..........
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शायद ये तुम ही हो..
किसी पहेली सी होे मगर मिलकर कहानी बन जाती हो
महज इन आँखों से सबकी जुबानी बन जाती हो
कुछ अलग अंदाज है तेरा या कोई राज है गहरा
बहती धारा सी हो या सच में कोई नदी की किनारा सी हो
पर जो भी हो जैसे भी हो कुदरत की एक इनायत सी हो
हाँ.. शायद ये तुम ही हो..
मनचली हो चुलबुली हो भावनाओं से परे दिल की धनी हो
जिसकी दुनिया झूठ से परे हो कुछ वैसी अनोखी निशानी हो
खुशियों की हमराज और मनमोहक अदा वाली परी सी हो
मानो अंधेरों में जलते चिराग की परछाई सी हो
खुदा की रहमत रहे तुझपर आखिर इतनी नायाब जो हो
ये तुम ही हो.. हाँ ये सिर्फ तुम ही हो..
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Jakhmo k sath chalne ka vayda humne v kiya hai
In sapne bhare ankho me need hume v aayi hai
Un chahto ko humne v kabhi thukaraya hai
Bhigi palko k sath muskarana tumne hi sikhaya hai
Fark sirf itna h aye jindagi tumne apne liye jina sikhaya aur humne apno k liye jina sikha hai ..
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Itna v intehaan na le aye jindagi ki apna vajood hi kho de
Aakhir hmne v to chaha h tujhe us chahat ka koi mol to de de
Nadan parinde sa to dil h ise kab tk khilauna kahate rhe
Ruk ja is badlte daur me ab palate khawb ka koi mukam to ban jaane de
Shi kahate h kuch khawb adhure hi achhe hote h
Par jo jeene ki vajah ban jaae use to poora hone de ..-