भले चंगे इंसान से
लोग करते बर्ताव घटिया,
पुछने लगते हैं..
जब वो पकड़ लेता खटिया।
©नम्रता सिंघल-
गुलाब देकर,उसे इश्क़ का गुलाल लगाना हैं..
मुझे तो बस उसे सिर्फ अपना बनाना हैं।
©नम्रता सिंघल-
Rose day हम हर रोज़ मना लें,
पहले 'वो' तो हमें अपना बना ले।
©नम्रता सिंघल-
ना करना कभी तुम मेरी मोहब्बत पर शक,
जज़्बातों को बयां करने लगे गर हम...
सुबह से सदियाँ बीत जाएगी शाम तक।
©नम्रता सिंघल-
#नम्रतामेरीपहचान
कोई सोचता है ...
मौका मिले तो बात की जाए,
पर बहानो के आगे
मौका कहां टिक पाए।
©नम्रता सिंघल-
#नम्रतामेरीपहचान
उनका नज़रिया ना देख पाई मेरी नज़रे ,
मैं तो अपने आप को उनकी नजर से
देखना चाह रही थी।
©नम्रता सिंघल-
#नम्रतामेरीपहचान
इश्क़ किया था तुमसे
अब तो बस यादें रह गई है,
ज़िक्र नहीं किसी का किसी से
आंखो से बस बूंदे बेह रही है।
©नम्रता सिंघल-
#नम्रतामेरीपहचान
मोहब्बत में दिखे अगर सादगी,
तो दुनिया वालों को भी..
क्यूं होगी भला कोई नाराजगी।
©नम्रता सिंघल-