Kuch bhi aacha nahi lga tere jaane baad
Jese raatain hi nah hui ho shamain baad-
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कभी महफ़िल तो कभी शामे तेरी होगी
जिन वफा की बातों की तुम तारीफ करोगे वो लिखीं मेरी होगी।
तेरे हाथ पकड़ने की झिझक से तेरे गले लगने की ख्वाहिश
तु साथ रह तेरे पास रहने की आदत मेरी होगी।
तुम किसी और से भी इश्क फरमाए
उससे की गयी अकीदत ए मोहब्बत भी मेरी होगी।
एक तुकड़ा आसमान थोड़ी जमीं और कोई ढलता सूरज
हर बात तेरी होगी
पर सुरूर ए इश्क से भरी वो हसीन रात मेरी होगी।
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वो कहता था मेरी हँसी काफी पसंद है उसे
लाजमी था उसके जाने के बाद वो उसे भी ले गया_
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तेरे दिवानी हूं
क्या फर्क पड़ता है
क्या कहता है
जमाना,
सच कहूं तो
मुझे रास आ गया है
तेरे दर पर सर
झुकाना।-
तेरी मौजूदगी ने ना जाने कैसे जिंदगी को सुलझा रखा है
सच तेरी बातों ने मुझे तुझमें उलझा रखा है ।-
मेरा लिखा तो तुम छुप छुप कर पढ़ते हों
फिर मुझसे क्यूं वेबजह का गुरूर रखतें हों।-
कोई किस्सा कोई काल्पनिक बात मुझे तुझको बताना नहीं है
तुम मुझसे मिलो तो कहेंगे कि सच तुमसे दूर मैंने जाना नहीं है,
तुझ से मोहब्बत का इतना एहसास है कि
कुछ साल बाद भी मुझे तुम्हें अपनी जिंदगी की एल्बम से हटाना नहीं है।-
अक्सर मेरी शायरी में छिपे हसीन बर्बाद लम्हात रहें
जस्बात रहें ना रहें पर हर शायर की कलम सलामत रहे🥀-