तुम धुएं की तरह हवा में ओझल हो गऐ,
मैंने तुम्हें पकड़ना चाहा,
मगर तुम नही रूके।
अब तुम्हारा लौट कर ना आना,
जीवन का एक हिस्सा बन गया है,
मगर एक भारीपन,
यही कही भीतर मन को थका देता हैं,
संवादों में यूँही कभी,
तुम्हारा जिक्र मुझे अब मौन कर जाता हैं।
आंखे अब तुम्हें क्षितिज के अंत तक,
नही टटोलती,
महज कभी कभार,
इंतजार का अंतहीन सागर ,
मुझे आज भी बहा ले जाता हैं।
-
Namita Verma
(नमिता 🌸)
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दुनिया मुझे ख्यालों कि
अच्छी लगती है..🧚♀️
Dil hi tho hai❣❣❣
(मंlang)❤
अच्छी लगती है..🧚♀️
Dil hi tho hai❣❣❣
(मंlang)❤
Joined 17 June 2017
8 DEC 2022 AT 1:04
5 JAN 2022 AT 21:09
कभी-कभी नहीं समझ आता,
कि किसी के दुख को कैसे बांटा जा सकता है?
कभी-कभी हमारे हिस्से केवल प्रतीक्षा आती हैं,
मौन खड़े,
उस दुख के बीत जाने की,कम हो जाने की....
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4 JAN 2022 AT 21:55
मैं दिन भर को हाथ थामे लेकर आता हूँ शाम तक,
वो रात होते ही चले जाते हैं,
मेरी चौखट लांघ,
-
26 DEC 2021 AT 10:13
सब ठीक हो जाएगा,
लेकिन सब ठीक होने तक जो हम सब कुछ खो चुके होंगे उसका क्या?-
21 DEC 2021 AT 12:28
तुम्हारे जाने के बाद,
मेरे जीवन में शेष रही सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी जूठन ।-
23 SEP 2021 AT 12:50
Dear Diary
I can't understand a thing till now?
Why people always try to teach us,
To be Bear?
To Bear the pain,
the silence,
To Bear everything that Break us..
Why not?
They try to teach us,
To Speak,
To Scream,
To Cry....-