ज्यों -ज्यों वक्त बीतता गया
मैं तुममें घुलती गई,,,
मगर अब वक्त है कि,,,
तुम थाम लो मुझको
बिखरने से पहले,,,,
कहीं मिट न जाएं ये प्रेम के निशान!-
मेरा प्रकाशित काव्य संग्रह (प्रेम सरोवर) और प्रकाशित ... read more
प्रेम जाकर भी ठहरा हुआ है मुझमें कहीं
मैं अक्सर कलम से कुरेदती हूं उसे,,,
रिस पड़ती है कुछ बूंदें कागज़ पर
मैं शब्दों का मरहम लगाकर कविताओं में सुला देती हूं
करवटें बदलती हैं वो कविताएं अक्सर
नींदों के मध्य किसी किताब में कसमसाते हुए
किसने महसूस किया है इन भावनाओं को भला
लोग अक्सर पढ़ते हैं और फिर भूल जाते हैं !-
किसी भी सफलता के पीछे एक संघर्ष छुपा होता है
तो ये कमाल यूंही खैरात में हासिल नहीं हुआ है
जब सारी दुनिया सोती थी वो जागे हैं
अपनी उम्र के एक दौर को कुछ शौक को दफ़न किया था
कुछ इच्छाएं मन में दबा लिया खामोशियों के साथ
वरना एंज्वॉय करने का मन तो उनका भी हुआ होगा
बहुत छोटी उम्र में ठान लिया होगा कोई लक्ष्य
जिसको हासिल करने के लिए नींदों ने ख्वाबों ने
बच्चों ने और उनके माता-पिता ने भी कुछ कीमत चुकाई होगी
कोई मुकाम यूंही तो हासिल नहीं होता है
किताबों के पन्नों ने अनवरत चलती कलम ने
और रातों को जलते हुए चिरागों ने देखा है उनकी आँखों में
पलते ख्वाब को और नींद से बोझिल पलकों को जबरदस्ती
खोलते हुए,,,
थकावट से टूटते बदन को और फिर भी अपने लक्ष्य के लिए
दिन रात मेहनत करते हुए
इतना आसान नहीं होता है ख्वाबों को पूरा करना
ये सपने ले जाते हैं अपने साथ बहुत कुछ
तब जाकर झोली में आती है कामयाबी,,,!-
जिस्म से परे भी एक दुनिया है,,,,
जहां तुम हो,,,,
और मैं हूं,,,,
और बस थोड़ा सा सुकून है,,,,
बोलो ये सच है ना?-
यूंही तो नहीं ये सड़क गाँव तक आई है
यूंही तो नहीं बसे हैं शहर गाँव के नजदीक
यूंही तो नहीं बड़ी बड़ी इमारतें फैक्ट्री लगी है
यूंही तो नहीं पलायन हुआ गाँव से शहरों की ओर
यूंही तो नहीं मिले हैं काम के अवसर लड़कों को
यूंही तो नहीं खिंचे आए युवा शहरों की ओर
ये ऊंचे-ऊंचे मोबाइल के टावर ये वाहनों का भारी शोर
यूंही तो नहीं है ये चकाचौंध चारों ओर
कभी सोचा है ये सब तरक्की कैसे आई है
साहेब,,,,इसकी बड़ी भारी कीमत हम पेड़ों ने चुकाई है!-
नाम (निर्भय) से क्या होता है बीड़ू
योर कोट की छोरियों से मेको भी बहुत डर लगता है
इसलिए ज्यादा समय नदारद रहता हूं
पहले ही बहुत लुट चुका हूं इनके चक्कर में 😜👇-
क्या कहा मेरा जन्मदिन है और पार्टी
नो नो नो अले यार
तुम कितने भी टेस्टीमोनियल दो मैं पार्टी नहीं देने वाली
मैं चुपचाप अकेले सब खा जाऊंगी 😅😅😅
😁🎂🌹🌹🌹🥳-
इत्ती गर्मी में सुबह सुबह नहला दिया मां ने
बोली कि महीनों हो गये नहा ले 😅
आज तेरा जन्मदिन है योर कोट पर भी जाना है
भंडारा भी तो देना है लोगों को 🤣🤣🤣👇
Happy Birthday dear 🎂🎉😁-
देखिए ये फोलो अनफोलो का गेम मत खेलो
ऐसा करो हमेशा के लिए दफा हो जाओ
हमारी प्रोफ़ाइल से समझे 👇😅-