मुझे सारे ख़ुदा ख़ुदगर्ज़ मिले
मुझे तपिश में दिन भी सर्द मिले
अब सुकुँ की ख़वाइश ख़त्म हुई
अब मुझे मुसलसल दर्द मिले…….-
ना इश्क़ जाना,ना काम जाना
हमने जब भी तुम्हे जाना...जान जाना..💔
कर लो गुमान आज एक दिन तुम भी मर जाओगे
तुम भी छोड़ोगे दुनिया तुम भी इससे भर जाओगे
जैसे मैं भरा हुआ हूं तुम्हारे दिए जख्मों से सनम
किसी दिन फुरसत से देखोगे तो तुम भी डर जाओगे
कर लो गुमान आज एक दिन तुम भी मर जाओगे.....-
सच कहूं तो इन आंखों को जब भी तेरा दीदार हो जाता है
हाल कुछ भी हो मेरा जान, बेज़ार हो जाता है
मुश्किलों से अश्कों को समझा कर रखता हूं मैं
तुझे देखते ही सब समझना समझाना बेकार हो जाता है
इन आंखों को जब भी तेरा दीदार हो जाता है....-
इस दिल में अब पुरानी रवानगी नही रही
दीवाना मै रहा उसका दीवानगी नही रही
वैसे मुस्कुराता नहीं कोई देखे तो बात अलग है
तुम नही मेरी पर मैं तुम्हारा वो बात अलग है
और तुम मुखलिस हो किसी के बस मेरे नहीं
इन बोझिल शामों में मिले कंधे बस तेरे नही
रातों में उठ कर रो लेता हूं वो बात अलग है
मैं अब भी तेरा हो लेता हूं वो बात अलग है
इन शायरों के मसले अब समझने लगा हूं
मैं अपने ख्यालों में तुझे लेकर उलझने लगा हूं
हां हर उलझन का जवाब तू है वो बात अलग है
पर तेरे मेरे हालत यूं हैं वो बात अलग है-
Not all the stars are bright
Not all the hearts are right
Some are there to break you down
Some are there to save the drown
Not every seatbelt is tight
Not all the hearts are right
Some are there to teach you
Some are there to cheat you
Not all glowing stars are inner white
Not all the hearts are right
-
ये दिल लगाना हटाना
रिश्ते बनाना फिर मुकर जाना
बीच राहों से यूं सहसा मुड़ जाना
किसी को अंत से पहले ही छोड़ जाना
कहीं किसी को भुला जाना
या किसी रूह को जिंदा जलाना
परिंदो को कैद कर देना
मोहब्बत को अकेली लंबी उमर देना
जूठी उम्मीदें दे जाना
वादा करके भी फिर ना आना
शायद ये कुछ सबसे बुरे ज़ुल्म हैं इस जहां के
इनके अलावा शायद सब बंदे हैं खुदा के......
-
मुतमइन ज़िंदगी के होने पर हमे सताते भी नही
हमारी नाव में ही शिफाक कर हमे बताते भी नही
समुंदर में धकेलते हैं फिर मलाल खाते भी नहीं
रोते हैं डूबता देखकर पर बचाते भी नही
मुतमइन ज़िंदगी के होने पर हमे सताते भी नही....
-
मुतमइन ज़िंदगी के होने पर हमे सताते भी नही
हमारी नाव में ही शिफाक कर हमे बताते भी नही
समुंदर में धकेलते हैं फिर मलाल खाते भी नहीं
रोते हैं डूबता देखकर पर बचाते भी नही
मुतमइन ज़िंदगी के होने पर हमे सताते भी नही....-
मटमैली आंधिओ में पेड़ उखड़ने लगे हैं
पेड़ो से शाखें और शाखों से पत्ते बिछड़ने लगे हैं
दिए अपनी लॉ खुद ही बुझा रहे हैं
सावन में आज कल फूल मुर्झा रहे हैं
कैद हसीं परिंदे आग में झुलस के मर गए
इस नफरत में ना जाने कितने शहर गए
मस्जिदें गिर गई , मंदिर टूट गए
कुछ अपने छूटे कुछ अपनो के घर छूट गए
आसमा काला पड़ गया जमीन बंजर हो गई
आंखें लोगो की जिस्मों पे खंजर हो गईं
इतने पर भी मैं मोहब्बत तुमसे करता रहा
तुम चली गईं और मैं आहिस्ता आहिस्ता मरता रहा.....
-
मुझे पता था तेरे जाने से मौत कहां आयेगी
मुझे पता था मुड़ने के बाद तुझे याद कहां आयेगी
मुझे पता था कि अब नींद ख्वाबों को कहां सताएगी
मुझे पता था तू सारी कसमें झूठी खायेगी
फिर भी सच्ची मोहब्बत जान मै करता चला गया
तुझमें जिंदगी भरते भरते मरता चला गया
जब धड़कनों में रवानगी आई तो तू दूर हो गई
इन चंद पलों की कीमत मै आंसुओ से भरता चला गया....-