Nakul Dhaka   (नकुल ढाका)
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Love to spend time in peace that's why I do YOGA daily.
Joined 4 October 2016


Love to spend time in peace that's why I do YOGA daily.
Joined 4 October 2016
14 JUN 2020 AT 21:04

क्यों किया तुमने ऐसा, कुछ और फिल्मों म हमें अपनी भूमिका दिखाते।
एक बार अपनी चुप्पी छोड़कर अपने चाहने वालो को अपनी बात बताते।
दर्द तो हुआ होगा तुम्हे, ये सोच कर मै काप उठता हूं।
कास एक बार ये शिकायत खुद से कर पाते,
कास एक बार अपने बूढे बाप के बारे म सोच पाते।
आखिर क्यों किया तुमने ऐसा।

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18 MAY 2019 AT 21:27

ख़ुशी साथ चलता हुआ एक साथी है।
ना की एक मुकाम।

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8 MAY 2019 AT 16:44

पहले तू मनाने आती थी मुझे।
अब मैं खुद ही अपने आप को मना लेता हूं।

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23 APR 2019 AT 20:55

ये सब मेरे ख़्वाबों के ही तो शब्द है जिन्हे मै रोज़ लिखता हूं।
जिनके लिए मै रोज़ ही अपने मन म लड़ता हूं, कभी हरता हूं तो कभी जीतता हूं।
ये सब मेरे ख़्वाबों के ही तो शब्द है।

कई बार तो ऐसी रज्जोरहत होती है कि जैसे विश्व युद्ध चल रहा हो।
लेकिन फिर कुछ ही क्षणों म सब संधि पता हूं।

ये सब मेरे ख़्वाबों के ही तो शब्द है।

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3 APR 2019 AT 22:35

ये आँखें चाहे कितना ही सच बोले।
लेकिन मान्यता तो इस झूठी जुबान की ही है।

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3 APR 2019 AT 22:12

अब मैं थकने लगा हूं।
रोज़ सुबह एक नई ऊर्जा के साथ घर से निकलता हूं।
लेकिन श्याम तक आते आते अब थकने लगा हूं।

दूसरों को समझाते समझाते खुद को समझाना भूल रहा हूं।
अब मैं थकने लगा हूं।

घरवालों की उम्मीदों को पूरा करते करते अपनी उम्मीदों को भूलने लगा हूं।
दूसरों की उलझनें सुलझाते सुलझाते अपने में ही उलझने लगा हूं।

अब मैं थकने लगा हूं।

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30 MAR 2019 AT 23:49

हर मोड़ पर लोग मिलेंगे
कुछ जुड़ जाएंगे और
कुछ छूट जाएंगे।

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15 FEB 2019 AT 0:11

आज ये दिल दुख से भरा हुआ है।
आज मेरे भाईयो को, खुदा के रखवालों ने मारा है।

है हिम्मत तो सामने से आओ कायरो,
पीछे से वार कर क्यों अपनी औकात बताते हो।

आज ये दिल दुख से भरा हुआ है।

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31 OCT 2016 AT 16:18

उस नीन्द का अलग लुफ्त था जब हम किताबो को अपने सिराहने पर रख कर सो जाया करते थे।
अब भी वैसा ही होता है बस उन किताबो की जगह एक फोन ने ले ली।

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22 OCT 2016 AT 20:06

अगर तुम्हे मुझसे इश्क़ नहीं तो।
हर बात म मेरा जिक्र क्यों।

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