मुझे समझ नहीं आती तेरी ख़ामोशी की ज़ुबान,
फिर सोचता हूँ—हर मंज़िल नहीं बनती मनचाहा मुक़ाम।
जिस रास्ते में तू छोड़ गया मेरा हाथ,
अब वहाँ हो रही बिन बादल आँखों से बरसात॥✍🏻-
Mera yun chup ho jana,Teri hi khamoshi ka Jawab h,
Halaki tujh sang Baatein Krna,Ik Pyara sa Khwab h...
Single tick or Double tick & Seen or Unseen,
I might Receive a Message when ur Heart is Truly Keen...✍🏻-
बहुत दिन बाद उठाई आज अपनी लिखी किताब,
Draft में रखी पंक्तियों का कर रहा हिसाब,
एक वक्त था जब हम सब थे साथ,
आज भी वक्त हैं,नहीं हो रही किसी से बात।
Money और Ego के सहारे ज़िन्दगी नहीं कटती,
ग़लती मान लेने से आंखें नहीं झुकती॥✍🏻-
2024 जा रहा हैं और 2025 आने को हैं बेकरार,
पर 2025 के लिए अभी मन नहीं हैं तैयार।
2024 को अभी कुछ देर रुकने देते यार,
खैर अब तो आ गया,देखो ले जाएगा कितना पार॥✍🏻-
वक्त के पन्ने उलट कर देख रहा यार,
2024 में तो हो गया 🐶🐕से प्यार।
बिन बोले इनकी बातें समझ जाता हूँ,
इनका बीमार होना,ना देख पाता हूँ।
मालूम हैं वक्त कम होता हैं इनके पास,
हर बार करवा देते हैं अपनेपन का अहसास॥✍🏻-
जब पहली बार देखी तेरी Insta Profile,
बहुत प्यारी लगी तेरी Wonderful Smile...
तेरी हर तस्वीर में Sunlight का अहसास,
तू Ordinary हो कर भी हैं बहुत खास॥✍🏻-
कह गया अलविदा,अमर हो गया नाम,
शायद ही कोई कर पाए,उस से पूण्य काम।
आसमान में तारा बन सदा चमकता रहेगा,
नाजाने कितनों के दिल में धड़कता रहेगा॥✍🏻
-
वक्त के पन्नों में उलझें अलफ़ाज़,
शब्दों में पिरो रहा हूँ आज।
तेरे संग बिताए जो दिन खास,
हमेशा रहेंगे बनके मीठा अहसास॥✍🏻-
दो कदम चले थे साथ,
जाने फिर बुरी लगी कोई बात।
छूट गए हाथों में से हाथ,
बदल गए सब जज्बात।
अब तो मीठी यादों के सहारे,
कुछ अधूरे से बिन तुम्हारे।
कर रहे हैं तेरा इंतज़ार,
कभी तो मान जाएगा मेरा रूठा यार॥✍🏻-
2012 में दिल्ली और अब 2024 में कलकत्ता,
बड़े शहरों का यह हाल,तो छोटो का क्या ही पता।
78 सालो में ना जाने कितनों के साथ हुआ घिनौना काम,
जिनका कभी ना आ पाया कानूनी किताबों में नाम।
कमज़ोर कानून व्यवस्था और घटिया लोगो की हैवानियत,
दोनो के समन्वय से ही,शर्मशार होती हैं इन्सानियत॥✍🏻-