बेजुबान है उसके चीखते से शब्द,
वो लड़ रही है अंदर ही अंदर,
बाहर से मजबूत दिखने को,
हाँ! बेजुबान है उसके चीखते से शब्द।
अक्सर उससे ही सवाल होते
उसके बजूद की आजमाइश के लिए,
हाँ! फिर भी बेजुबान है उसके चीखते से शब्द।
उसे बढ़ने को लड़ना होता है,
उसे खुद के बजूद के लिए लड़ना होता है,
उसे खुद को संभालने के लिए लड़ना होता है,
हाँ! क्योंकि अब भी बेजुबान है उसके चीखते से शब्द।
-