मेरे एहसास में भी जिक्र है तुम्हारा
क्या हुआ है मुझे,हर पल सोचती हूं तुमको,
मीलों दूर हो तुम बखूबी मालूम है मुझे
बेखबर बनकर क्यूं, अपने आस पास ढूंढती हूं तुमको
कभी देखा नहीं तुम्हे, कभी मिली नही तुमसे
मिलना कभी,मैं भी अपने जज्बात फिर मिलकर बताऊंगी तुमको
इश्क़ है तुमसे,ये शायद कह तो नही पाऊंगी
मगर इश्क तुमसे ही है, ये जरूर जताऊंगी तुमको..
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