Nagma Hayat   (नग़मा हयात)
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Joined 31 January 2018


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Joined 31 January 2018
7 FEB 2024 AT 2:07

Happy Rose day उनको भी,
जिन्होंने काटों की तरह Rude बन कर,
गुलाब की तरह महफूज़ रखा मुझे।

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25 JAN 2024 AT 13:32

जिसकी मुझे तलब है,
उसे मेरी तलब नहीं,
जिसे मेरी तलब है,
मुझे उसकी तलब नहीं।

तलब खांक है,
यदि मुक्कमल इश्क नहीं,
मुहब्बत खाक है,
यदि मुक्कमल तलब नहीं।

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15 AUG 2023 AT 0:46

मेरी जिंदगी का मकसद कबूल हो जाए,
एक कतरा जो मेरे ख़ून का, मेरे वतन के लिए गिर पाए,

ज्यादा उम्मीद नहीं जिन्दगी से, बस इतनी–सी ख्वाहिश है,
मौत आए मेरा तो मेरे ही वतन में,
मेरा जिस्म मेरे वतन में खांक हो जाए।

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6 AUG 2023 AT 11:25

इश्क फिजाओं में बह रही,
तुम गीत कोई गुनगुनाओ ना,

मुझे तेरी तलब हो रही,
तुम प्रीत मेरे बन जाओ ना।

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5 AUG 2023 AT 22:57

हर मर्ज़ की बस एक ही है दवाई,
ख़ुदा साथ हैं, और दिल में है ख़ुदाई।

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5 AUG 2023 AT 0:00

खुबसूरत है उनकी यादें,
उनकी मौजूदगी से भी ज्यादा।

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5 MAY 2023 AT 23:21

इश्क है?
तो खुल कर बयां कर,
वरना ये चोचले दफा कर।

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5 MAY 2023 AT 23:16

मुझे बेशक बेहद मुहब्बत है उनसे,
पर ख़ुद से बेइंतहा है...

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5 MAY 2023 AT 13:39

वो परिंदों की तरह उर्र गया,
हम टहनी की तरह बुत बने रहे।

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8 APR 2023 AT 22:35

तू मेरे लिए ऐसे जरूरी है,
जैसे ख्वाबों के लिए आंखें...

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