Having the untold conversation with the one you love, while they didn't.
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यूं जो उड़ती है मिट्टी, तो समाती है कहां?
लोग आस लगाए बैठें है, रूह निकलती है कहां?
वक्त है बदलता हुआ, लेकिन हमारे वक्त पे लगा ग्रहण है यहां।-
Subah ho ya shaam
Guzar gaya mera waqt muqaddar ke naam
Kis ko kahun apni daastan
Jo bata sake mujhe
Waqt mera qimti tha ya mera naam.-
ये ज़ख्म नही ज़ाम है।
सामने वाले में बसा जो इंसान है।
हम भूल जाते है
इंसान के अंदर भी हैवान है।।
ये समझ के भी हम अंजान है।
मुकद्दर में लिखा हुआ कब्रिस्तान है।
दो पैरों पे चलने वाला इंसान।
चार कंधो का मेहमान है।।
समझते समझते गुजर जाती है जिंदगी।
हम में इंसान है की हैवान है।
मरने के बाद लोग कहते है, वो बड़ा अच्छा इंसान है।
जो गुजर गया यहां से, शायद यहां का मेहमान है।।
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तस्वीर मे मैं एक आईना सा हूं।
कुछ मैं दिखा कुछ अंदिखा सा हूं।
वक्त ने क्या खेल खेला मेरे साथ,
कल मैं उरूज़ पर था
आज मैं ज़मीन पर गिरा सा हूं।-
Ignoring the one you love,
Because there's nothing left
Between you two.-
मुझे मंजूर है तुम्हे चाहना फसलों से,
के फासले दर्द बढ़ने देते नहीं।।-