कमी तो बढ़कर मिली नहीं।
राहत और कहीं दिखीं नहीं।१।
सूरत उससे ज्यादा हसीन लगीं नहीं।
मनचले इरादे जेहन में कहीं नहीं।२।
दिल की गहराई अब तक दिखीं नहीं।
याद है इसलिए तस्वीर बनी नहीं।३।
नदीम है अलग कोई हम नहीं।
दोस्तों से ज्यादा पल रंगीन नहीं।४।-
जब देखूं तुझे खुले जुल्फों में,
दिल थम सा जाता हैं।
और कुछ ना जान पाया,
समा ठहर सा जाता हैं।
जब देखूं इन्हीं घनी जुल्फों को,
मैं बेहक सा जाता हूं।
ठहर जाऊं इसी पल,
इसके साए में जीना चाहता हूं।-
कभी गुरूर भी आए तुम्हरी मोहब्बत से, तो साथी। का साथ भी ना मांगू.
समुंदर में डूबी जान तो कभी मदत के लिए हात भी ना मांगू
कभी वफ़ाई ना मिली तुमसे तो बेवफ़ाई की कारण/दलील भी ना मांगू
कभी किए थे सजदे तुम्हारे लिए तो उसका हिसाब भी ना मांगू
कभी लगा हो इज्जाम हम पे तो कभी दलील भी ना मांगू
कभी तुम पे लिखी होगी कोई शायरी, तो उन शायरी ओंका दर्द भी ना मांगू
ये पाक एक तरफा मोहब्बत है, तुमसे मोहब्बत करने का इरादा भी ना मांगू
गुजर जायेंगे दिन मेरे तेरे ही याद में, नींद से जागने के लिए सुबह भी ना मांगू
कभी रखु इन रोजो को ऐसे भी तो उसका इफ्तार भी ना मांगू
गैर से पूछ नी पढ़ी तुम्हारी हालात, तो तुम्हारी भलाई की दुआ भी ना मांगू-
चाहत-८
तेरी खामोशियां को पढ़ना चाहता हूं
मरते बहुत होंगे तुझपे,
मै तो तेरे साथ जीना चाहता हूं
तू ना हो तो, मै तेरी राह देखना चाहता हूं
तू टूट जाए तो मै सहारा बनना चाहता हूं
तू कहीं खो ना जाए,
इसलिए मै तुम्हें दिल में क़ैद करना चाहता हूं-
Kadr na ki to Saja bhi aansoon o ki mili
Tanha hoon kab yk khudko batata rahunga
jala hoon kab tak bhujata rahunga-
Muddat Se fir rahe hai koi apni naraji lekar
Kya khata ki hai jo bewafai kar rahe ho
Muskil lag raha hai akele ka safar nadim
Jardroo-e-dil umr bhar ki dua kar rahe ho-
Lahoo tapak pade mooh se
Fir bhi nahi yakeen main itna boora nikla-