तभी तो मुझे वो तरसा रही है अपने लिए
वो जानती है मुझे उस से इश्क़ जो हो गया है-
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लिखने को बहुत है तेरे बारे में हर बार की तरह
पर हर बार की तरह मेरे हाथ रुके हुए है
ज़ेहन उलझा हुआ है
की लिखूं तो तुझे क्या लिखूं
तुझे हर-ए-मन्नत लिखूं या मोअज़्ज़जा-ए-कायना लिखूं
खिलखिलाता दिन लिखूं या तुझे पूनम की रात लिखूं
सवेरा सुबह का लिखूं या सुहानी शाम लिखूं
खामोश तेरी शख्सियत लिखूं या खुद को तेरे नाम लिखूं
लिखने को बहुत है तेरे बारे में हर बार की तरह
पर हर बार की तरह मेरी कलम रुकी हुई है
दिल मे ख्याल चल रहा है
की लिखूं तो तुझे क्या लिखूं
तुझे किसी शिल्पकार की शिल्पकारी लिखूं
या किसी फनकार की फनकारी लिखूं
किसी जादूगर की जादूगरी
या किसी अदाकार की अदाकारी लिखूं
लिखने को बहुत है तेरे बारे में हर बार की तरह
पर हर बार की तरह ठहरा सोच रहा हूँ
की लिखूं तो तुझे क्या लिखूं
तुझे शिप का मोती लिखूं या भँवरे की गुहार लिखूं
तितलियों का रंग लिखूं या फूलों की बहार लिखूं
चमक तारो की लिखूं या बारिश की बौछार लिखूं
तुझे संगीत की शौकीन लिखूं या शाहरुख को तेरा प्यार लिखूं
Happy Birthday Jyoti ... ❤️
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न जाने कितने कपड़े अल्मारी में लटके रह गए
तेरा बिछड़ना मेरी जवानी के शौक़ खा गया-
तेरी मोहब्बत में रंग के जबसे रंगीन हो गया हूँ
आवारा था किसी रोज, अब संगीन हो गया हूँ।
मौजूदगी तेरी जिंदगी में मुझे मुकम्मल करती हैं
पर तुझे खोने के खौफ से, गमगीन हो गया हूँ।
तमाम नजारे दुनिया के पलट के कभी देखे नहीं
दिदार तेरा जबसे हुआ, अब शौकीन हो गया हूँ।
ख्वाहिशे और हसरते तो तमाम थी जिंदगी में
तुझसे क्या मिलना हुआ, मुतमईन हो गया हूँ।-
तुम उसके शहर को 2 बातों से पहचान लेना
की गलियाँ साफ है और लोग उर्दू बोलते है-
उजड़ी हुई फसलें
टूटे हुए सपनें और रोता हुआ किसान
ऐ बारिश तेरा यूं अचानक आना
कोई खुशी की बात नही
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अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे
तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे
ऐ नए दोस्त मैं समझूँगा तुझे भी अपना
पहले माज़ी का कोई ज़ख़्म तो भर जाने दे
आग दुनिया की लगाई हुई बुझ जाएगी
कोई आँसू मेरे दामन पर बिखर जाने दे
ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको
सोचता हूँ कि कहूँ तुझसे मगर जाने दे-
मर्दो की तो गालियाँ भी मुकम्मल नही होती
औरत के बिना साहब
आप जिन्दगी की बात करते है..-