कोई भी ढूंँढ नही पाए मुझे
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मेरे सब्र का पैमाना तो देखो
अपने टूटे हुए ख़्वाब और
अपने अरमानों का जनाजा़ लिए खुद की लाश के साथ घूम रही हूंँ "नदीम"-
तेरा दूसरो से इतना प्यार से बात करना
पसंद नही मुझको
तेरा मुझे वक्त ना देकर दूसरों के साथ वक्त गुज़ारना "नदीम "-
अच्छे कर्म करेगे तो अच्छा होगा आपके साथ
अगर बुरा कर्म करेगे तो बुरा ही होगा आपके साथ
बबूल अगर बोएंगे तो कांटे ही मिलेगा
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की तुम मुझे हर पल नज़रंदाज़ करो
ज़रूरत इतनी है की अपने दिन के
कुछ पल में मुझे याद तो कर लिया करो,"नदीम"
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क्या हूंँ मैं,क्यों हूंँ मैं बेवजह ही हूंँ मैं इस जहांँ में
औकात क्या हैं मेरी
खाक से बनी हूंँ एक दिन खाक में मिल जाना है,
सारे अरमान दुनिया में ही खाक हो जाना है "नदीम"-
जब तक तुम्हे मेरे होने का एहसास हो
मैं तुझसे बहुत दूर चली जाऊंँ,
कही ऐसा न हो जाए
जब तुम्हे अपने प्यार का एहसास हो
मैं इस दुनिया में ही नज़र नहीं आऊंँ "नदीम"
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तेरी मौजूदगी महसूस वो करे जो जुदा हो तुझसे,
मैने तो खुद में तुझे बसाया है एक एहसास की तरह "नदीम"
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मुस्कुराहट चेहरे पर बनी रहे आपके,
ग़म का नामों निशान नहीं हो ज़िन्दगी में आपके,
आप जो चाहे वो हासिल हो जाए आपको
हंसते हुए हर लम्हे पर नाम हो आपका "नदीम"-
तुम्हे क्या पता सनम मेरे लिए तुम क्या हो,
मेरे अधूरे अक्स का मुकम्मल करता वजूद हो ,
तुम हो तो है दुनिया मेरी हसीन है,
तुम बिन मेरी ज़िंदगी ग़मगीन है,
तुझे सोचती रहती हूंँ मैं सुबह शाम,
तुझ पर ही होती है मेरी शबे तमाम,
तुम नहीं तो ये ज़िंदगी का कोई मोल नहीं
तुमसे ही तो चलती है सांँसे मेरी,
हर मंज़र में मेरी आंँखे सिर्फ तुझे ही तलाश करती है,
तू जो नहीं तो मैं कुछ भी नहीं ,
आंँखे खुलते ही तुझे तलाश करती है नज़रे मेरी,
तेरे लबों की मुस्कान बिखेर देती है खुशियांँ ज़िंदगी में मेरी "नदीम"
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