शांत नहीं जो क्रुद्ध खड़ा है।
होकर बेहद क्षुब्ध खड़ा है।
अपना नाता हर तिनके से,
सत्ता के जो विरुद्ध खड़ा है।-
अंगड़ाइयाँ लेता है मगर
सुप्त नहीं हो पाता है।
मेरा अवचेतन मन तुमसे
मुक्त नहीं हो पाता है।-
बंद पैकेट था दिल
खुला अब लिफ़ाफ़ा हो गया है।
मौसम क्या बदला
तेरी यादों में इज़ाफा हो गया है।-
हर्षित और उल्लासित हों सब।
खुशियों से परिभाषित हों सब।
तजकर रुढ़ियों का अंधियारा
नव लौ से प्रकाशित हों सब।-
महँगाई दर्ज़ ए आला है।
पॉकेट पर लगा जाला है।
अमीर की दिवाली भले
गरीब का मग़र दिवाला है।-
हक़ीक़त से बेहतर फ़साने लगते हैं।
मूवी से बेटर तराने लगते हैं।
मोटा होने में समय नहीं लगता
स्लिम होने में जमाने लगते हैं।-
दो कदम जब चार होते हैं,
रास्ते कितने भी कठिन हों
आसानी से पार होते हैं।
हाथों में जब हाथ होते हैं
कार्य कितने भी मुश्किल हों,
सरलता से बार-बार होते हैं।
दो दिल जब साथ होते हैं,
मतभेदों में भी करार होते हैं।
दो प्रेमी जब साथ होते हैं,
पतझड़ में भी बहार के
एहसास होते हैं।
इसलिए "साथ"
जरूरी है जीवन में
क्योंकि सही साथी के साथ
"आम" पल भी बेहद
"खास" होते हैं।-
कलियुगी वर्किंग-क्लास के लिए दशहरा
'पाप पर पुण्य' से ज़्यादा
'वर्किंग-डे पर हॉलिडे' की जीत है।-
लाइफ में बेहद
ट्रबल हो रहा है।
फैट-कैलरीज़ का
दखल हो रहा है।
स्ट्रक्चर ऑलरेडी
एयर बलून था
चिन भी अब तो
डबल हो रहा है।-
लोग मेरे सेंस ऑफ ह्यूमर 'से' कम,
सेंस ऑफ ह्यूमर 'पर' ज़्यादा हँसते हैं।-