नाज़िया तहज़ीब हसन   (Nazia Tehzeeb)
95 Followers · 25 Following

A complicated personality 😄
मेरी कलम , मेरी आवाज़ 👧💓
Insta love 💝
@nazi.writes29
Joined 17 May 2017


A complicated personality 😄
मेरी कलम , मेरी आवाज़ 👧💓
Insta love 💝
@nazi.writes29
Joined 17 May 2017

रौशन ज़माना तुमसे है,
ये फ़िज़ा में रौनकें तुमसे है,
राह में बुझी राख के सिवा था ही क्या
ये दामन में चाहतें... आज !
सब तुमसे हैं।

-



यूं तो बेशक है, मौत हर बशर को आनी,
लेकिन यूं बहार में "तुम" पर पतझड़ का साया अच्छा न लगा।

-



अदावत,हिकारत,शिकायत सब हमसे है,
तुमको ज़माने में सब अशराफ़
और हम गुनाहगार नज़र आते हैं।

-



मोहब्बत के हाथ जब गिरफ़्तार हुआ वो,
हर मज़बूत बात धरी रह गई...

-



उससे मिलने का इत्तेफ़ाक हुआ तो सिर्फ़ ख़्वाबों में,
दर हक़ीक़त तो वो उखड़ा-उखड़ा ही रहता है ...

नाज़िया तहज़ीब हसन 🍁

-



किस तरह शिकवों के हक़दार बनते हो,
देखकर दौर ए हयात
आज तुम समझदार बनते हो।
राहों में बिखरे कांटों को
चुनने से बचे थे तब,
आज क्यों ज़माने से
किस्से हमारे दो चार करते हो।
बीते ज़माने की बातों में
क्योंकर भला जाऊं मैं,
नासूर पर पैर रखकर
ज़ख्मों को भुलाने की बात करते हो।
मुझे खुले आसमां में ही रहने दो,
क्यों मेरे आसमां को
छोटा करने की ताक रखते हो।
माना कभी मांगी थी तुम्हारी
अनगिनत दुआएं
क्यों मेरी कल की गलतियों से मुझको
आज सज़ावार रखते हो।
नाज़िया तहज़ीब हसन 🍁

-



रौशन क़हक़शां का एक जहां है
मेरे मुल्क जैसा कहाँ कोई दूसरा हिन्दोस्तां है
है कशिश बहारों की
रंगीन फ़ज़ा और सितारों की
न आसमां
न ज़मीं पर
तुम्हीं कहो
मेरे हिन्दोस्तां जैसा और मुल्क है कहीं पर।
इस मुल्क में बहिश्त की खुश्बूऐं हैं
राम के नाम से हम तुम
हम-कलाम हुए हैं
ख़ुदा ने बख़्शी है इज़्ज़त इस मुल्क को
न कभी आंच आए कोई
मादर ए वतन पर।
इसकी ख़ाक में हम बहते और दफ़न होते हैं
तुम्हीं बताओ ..
माँ की आग़ोश में किस तरह और सोते हैं।

-



न एक रंग तेरा
न एक ही वेश
न जाने कितने रूप-रंग
तूने ख़ुद में समाये रक्खे हैं..
तेरे करोड़ों चाहने वाले
तुझ पे नाज़ करते हैं
तुझको हम ऐ मादरे वतन
बार-बार
हर बार सलाम करते हैं
आग़ोश में तेरी जागते सोते हैं
हम तुझ पर अपनी जां निसार करते हैं
हम बार-बार तुझ पर रख
सर अपना
तुझको सलाम करते हैं
ऐ मादरे वतन
हम तुझ पर अपनी जां निसार करते हैं..

-



बहुत पाले हैं हमने आस्तीन में
सांप मगर,
उनमें तुम वाली बात कहाँ ।

-



सोच में भी न कर अब तसव्वुर मेरा,
मैं बह चुकी हूं ख़्याल ए रवानी में ।

-


Fetching नाज़िया तहज़ीब हसन Quotes