" Love Amulet : A symbol of Faith, Hope, Spiritual Connection "
उससे पहली मुलाकात आज भी आस्था, आशा और आध्यात्मिक जुड़ाव सी महसूस होती है जिसके बाद लगा कि मैंने स्वयं को उसे समर्पित कर दिया..जैसे एक धागा जो उससे जुड़ गया..मैं खिंचता हुआ उसकी तरफ बढ़ता चला गया..ह्रदय हमेशा द्रुतगति से उसकी मौजूदगी को लेकर उल्लासित रहता..जैसे जिंदगी का सर्वोत्कृष्ट चाव मुझे उपलब्ध करा दिया गया..
एक पत्थर की तरह निर्जीव अपनी अवस्था से अनभिज्ञ मैंने रुपांतरण की वह प्रक्रिया को अनुभव किया..यूँ उसने बहुत ही सरलता से तराश कर मुझे अभिभूत कर दिया..अक्सर लोग ताबीज़ को तवज्जो देते हैं; सकारात्मकता को अपने साथ रखते हैं..लगा वैसा ही कुछ कुछ यह भी मुझे आ मिला है..अद्वितीय!
यह दरअसल स्वतः प्रक्रिया है जो इंसान की भावनाओं को सम्वेदनशीलता से सर्वसुरक्षित रखती है..जो शब्दों से परे अधरों में अटकी हुयी एहसास की दुनिया में स्वतंत्र विचरण करती हैं..और आप सातवें आसमाँ पे!
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" The Companionship "
प्रेम में स्त्री गालियाँ भी चबा जाती है; न जाने ये युगल जोड़ों के बीच घनिष्ठ प्रेम का प्रतीक है या फिर स्त्री की सहनशीलता की गहराई किंतु गाली समाजिक बुराई का सूचक है और कुछ भ्रांतियां इस प्रकार फैली हुई हैं कि लोग इसे अपने साथी से दुर्व्यवहार करते हुए भी सहजता से लेते हैं..सम्मानजनक यह होता कि इस अनभिज्ञता को प्रेम की अभिव्यक्ति में अपने पुरुषार्थ को मर्यादा की सीमाओं में रखने का ज्ञान रहता I-
" The Companionship "
प्रतिभावान स्त्रियों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कुछ पुरुषों ने थामे रखा है उनका साथ पूरी जिम्मेदारी से..उनके पंखों को मज़बूत कर, उन्हें अकेला ऊँचे आसमाँ में उड़ने देने के लिए पीछे कर लिया खुद को..एक मित्रता जो साझे सपनों को पूरा करने प्रस्फुटित हुयी है..जिसे देखना आँखों को अद्भुत लगता है और हृदय में सुकूँ मिलता है I-
सवाल था कि चाहते कितनी दूर साथ चल सकती हैं ? जवाब ढूँढने निकला तो अपने को किसी नतीजे पर पहुँचने पर असमर्थ पाया..असमंजस में जीवनवृत्त की परिधि में अनगिनत चक्कर लगाने लगा..दिखने लगा कि हज़ारों किस्से मैंने देखे, सुने, पढ़े और कुछ लिखे भी..हर किसी ने अपनी समर्थता के अनुसार अपनी चाहतों को चुना है..बस समय और परिस्थितियों ने उन्हें ढाला है अपने अनुकूल और उन्होंने भी स्वीकारा है कि जीवन अपने आप में दिलचस्प है..सबकुछ यूँ ही दे देगा तो फिर तमाम तमन्नाएं रूठी रहेंगी..हमें कमते बढ़ते क्रम में ही इसके स्तरों को आगे पार करना होता है..एक स्तर के बाद दूसरा स्तर सतत अनुक्रम में सदैव नयी नयी कोपलों को निकालता रहता है ...
आपकी चाहते एक समय के बाद आपकी अकेली नहीं रहती हैं ये घिर जाती है आपसे जुड़े लोगों के सपनों, अपेक्षाओं से, उम्मीदों से, आप अकेले चलते हैं आगे आगे मगर पीछे-पीछे एक कारवाँ बनते चले आता है जो ठीक वैसे ही पीछा करता है जैसे आप अपनी चाहतों के पीछे चलें जाते हैं..आपको रुकना पड़ता है उनके लिए भी जो पीछे आते हैं..ताकि वो भी सही रास्ते चलें आपके साथ ही..आप महसूस कर पाते हैं कि अभी कदम मिला कर चलना होगा सब से अपनी चाहतों से भिन्न नहीं सबके साथ सबसे मिलकर..कदम मिलाकर चलना होगा ही चाहे कितना ही दूर चलना पड़े...-
मेरे आँगन में, सर्दियों की धूप, सुनहरा सबेरा, रौशन रहता है, प्रफुल्लित करता है मन को..जेहन में रहती हैं वो ताजगी भरी हवायें और यादें जो गुजरे सुनहरे पलों को आँखों में उतार देतीं हैं..इस तरह याद करता हूँ उस आँगन को तो अनायास आँखें ठंडक अनुभव करतीं हैं और बंद हो जाती हैं..कुछ वक़्त लगता है सहज होने में मगर दिल लगता नहीं दिन भर याद आता रहता है मेरा आँगन रह रह कर!
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ख़ुदा से पूछते हैं तलबगार उसके
रहमते लकीर वालों पे ही की है ?
हमारा भी ख्याल रख
हम भी तेरे बनाए हुए हैं..!-
गहरी गहरी सी आहें मीठा मीठा दर्द कराहते होंठों ने गटक ली वो कड़वी तक़दीर जो ओझल थी कहीं
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सकारात्मक दुनिया में रहना हकीकत में रहना होता है..हौसलामंद लोगों को फिर भी आप कभी-कभी अपने आप में दौड़ते हुए देख सकते हैं..एक ज़मी हुयी, सादगी से भरी, सधी हुयी..जिंदगी..जो हल्के से दर्द के उभरते ही..छलक उठती हैं..एक अधूरी मुस्कान के साथ..मैं रोज देखता हूँ..ग़मों को छुपाये..उसकी आँखों की कशमकश जो बेबसी में भी बिना झुंझलाये..संतुलन बिठाने में लगी रहती है..आपने देखी है?
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" Sometimes life seems like a labyrinth; where you have to make a way out of it. "
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