Naa Yak  
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Joined 12 July 2020


Joined 12 July 2020
6 JAN 2023 AT 13:36

शोर इतना है मन में

कि खाली सा घर भी शहर लगता है

अनजान लोगों से सिकायत नहीं

मुझे अपनो से डर लगता है ।।

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20 DEC 2022 AT 21:56

तुम्हारे हिस्से में तो खुशियां है ही

मेरे हिस्से में क्या आने वाला है?

किसी ने कहा था सब ठीक हो जाएगा

साल नया आने वाला है ।।

नफ़रत चली जाएगी इस पुराने साल की तरह

किसी का सच्छे दिल से दुआ आने वाला है

तूफ़ान थमने वाला है अब हवा आने वाला है

सब ठीक हो जाएगा साल नया आने वाला है ।।

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28 JUN 2022 AT 9:18

खो सा गया हूं शहर के भीड़ में
धूल धूप धुआं से दूर जाना, आंगन के नीम में

जहां बरसात में अपने खुद के नाव चलते हैं
चलो न बाबा वापस गांव चलते हैं।।

हजार चेहरे ने पहचान की एक भी नहीं
मकान सब का है, घर एक भी नहीं

मखमल सी घांस कच्चे पगडंडी पे जलना है
चट्टान सी ठोस सड़कों पे मेरे पांव जलते हैं

चलो न बाबा वापस गांव चलते हैं।।

पैसों से खुशियां कैसे खरीदते हैं
मुझे नींद नहीं आती यहां सपने कैसे खरीदते हैं

शहर की चकाचौंध चुबती है आंखों में
वहां चलते है जहां तारे और सिर्फ जुगनू जलते है

चलो न बाबा वापस गांव चलते हैं।।

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9 JUN 2022 AT 22:02

मेरा वजूद क्या है ? मैं कौन हूं ?
घर के कमरे भले छोटे हो पर दिल बड़ा होना चाहिए
रोज चार रोटी खाने वाला दो रोटी खा रहा है ताकि मेहमान भूके न रहे
उन लोगो के सामने बहुत छोटा महसूस किया है
खाना खाते वक़्त खुद को रोता महसूस किया है
क्या ही दे पाओगे किसीको मन विशाल छोटा मकान देखा है
कल तक अनजान बने थे फिर भी आज सम्मान देखा है


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27 MAY 2022 AT 18:52

मंजिल की राह में गुमराह करने वाले मिले
अपने पैरों में अपनों के दिए छाले मिले

लोग बड़े रंगीन है फकीरा!
झांक कर देखा सब के दिल काले मिले

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27 MAY 2022 AT 6:43

दुनियां के तौर तरीके
आते जाते बहुत कुछ सीखें

सीकायत करूं वक़्त नहीं
राधे राधे सब ठीक है 🙏🙏


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19 MAY 2022 AT 13:35

मोहब्बत का भी अज़ीब हिसाब है
किताब के जगह गुलाब, गुलाब के जगह किताब है

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19 MAY 2022 AT 13:32

जब जुड़े विचारों की धागा
तब मैं कृष्ण तुम राधा

न तुम खुद को रानी समझो और न मुझको प्यादा
तब मैं कृष्ण तुम राधा

शिशु सी मुस्कान सा सत्य न छल कपट का इरादा
तब मैं कृष्ण तुम राधा

वक़्त गुज़रे गुज़र हम न जाए जब तक
शब्द कम भी हो तो नैन बोलेंगी ज्यादा

जो मेरी तरह तुम भी हो प्रेम रस का प्यासा
तब मैं कृष्ण तुम राधा




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21 MAR 2022 AT 6:11

ये चाय लाल क्यों है ?
गर्म से या शर्म से

तुम भी कुछ ऐसे ही जो जब नाराज़ होती हो
दिखने में गर्म पर मिठास देती हो

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9 MAR 2022 AT 19:53


किसी से उतना होता नहीं जज़्बाती
लापरवाहीं समझो या बदकिस्मती

नींद टूटने से पहले सपने टूटे जब भी संजोया है
मैंने अपनी हर प्यारी चीज खोया है

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