don't be a body object for someone's life, be a main subject of his/her life.
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मुझे इश्क़ के धागों में पिरोकर उसने
महफ़िल में दिखाया पुरज़ोर तमाशा।।।
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देखे होंगे किसी ने रंग रंग के बन्दे...!!
हमने एक ही बन्दे में सब रंग देखे हैं...!!-
तुझको इस बात की नहीं है ख़बर...!!
तुझको जीते थे हम किस कदर...!!!!-
काश कभी यूं भी हो ....
कोई परखे नहीं सिर्फ समझे मुझे !
समझे मेरे प्रेम की मौन अभिव्यक्ति को ,
समझे मेरी फ़िक्र और परवाह को !
समझे मेरे आवेश को ,
समझे स्मित ( हंसी) के पीछे की आह को !
काश कभी यूं भी हो.....
नहीं चाहती कभी तुमसे ऊपर होकर जीना मैं !
पर छटपटाती ज़रूर हूं ,
अपने स्वतंत्र अस्तित्व के एहसास को !
अगर कभी समझ सको तो ज़रूर समझना
मेरी इस अतृप्त प्यास को !
काश कभी यूं भी हो....
कोई परखे नहीं सिर्फ समझे मुझे !!-
तुझे अपने एहसासों में छुपा रखा है मैंने
मेरे शब्दों में खुद की तलाश ना कर।।-
एक प्रेम से भरी स्त्री कैसे भीड़ के साथ होते हुए अकेलेपन में, अपने प्रेम को हृदय में लिए त्यागती है अपने प्राण!
एक दिन मैं अपनी ही मृत्यु लिखूंगी..-
कैसे टूट सकता है
मेरे दिल से तेरी यादों का सिलसिला,
गुफ़तगु किसी से भी हो
कैसी भी हो
ख्यालों में केवल
तुम और तुम ही होते हो।।-