अब आया है तो क्यूँ रोकूं उसे,
जाना ही है तो क्यूँ रोकूं उसे,
पास आए तो क्यूँ रोकूं,
दूर जाये तो क्यूँ रोकूं,
वो जो करीब आए, तो क्या गलत है...
पूरी उसी की तो हूँ मैं...,
वो जो फासले बनाए, तो क्या गलत है,
वो कहाँ मेरा है...!!-
तुमसे जो इश्क़ है
जैसे दिल्ली का धुआं है
बेहद है, बेहिसाब है,
हानिकारक है,
पर जान से ज्यादा प्यार है,
कम करने की कोशिश जारी है,
पर बढ़ता ही जा रहा है,
तो अब बस शांति से तुमको देखते है,
और बस देख रहे है,
बस देख ही रहे है...!!-
बरसों बाद भी,
नहीं जल पाया
मोहब्बत में डूबा हुआ वो खत,
इश्क़ की नमी
अभी तक गई नहीं थी उसमें से...!!
-
तू चली गई,
सिर्फ तेरी याद बाकी है..
तेरी यादें अब धुंधली होने लगीं हैैं,
सिर्फ तेरी बात बाकी है..
बातें अब खत्म हो रहीं,
अब
सिर्फ मैं
और
ये शाम बाकी है...!!
-
तेरी चाहत की चाहत में मशगूल थे हम,
तेरी नशीली आंखों में यूं चूर थे हम,
तू भी कभी हमसे दगा करेगा,
इस खयाल से तो बहुत दूर थे हम...!!-
अंबर और धरा ने मिलने की नीति बनाई,
नीति से ना हुआ प्राप्त कभी इश्क़ किसी को,
बरसों से यही है रीति चली अाई...!!-
वो तेरे ख्वाबों की रात ही अच्छी है,
तेरे चेहरे की रोशनी अब चुभने लगी है...!!-
वक़्त बदलेगा,
हालात बदलेंगे,
तुम बदलोगे,
हम बदलेंगे,
पर उन मुलाकातों में जो महसूस हुए थे,
वो जज़्बात कैसे बदलेंगे...!!?-